— छोटी सी ज्वैलरी खरीद भी सरकार की नजर में ज्वैलर्स के मुताबिक एचयूआईडी के साथ ज्वैलर्स को 2 ग्राम से ऊपर की बेची जा रही ज्वैलरी खरीदने वाले ग्राहक का नाम, पता और मोबाइल नंबर की जानकारी भी देनी होगी। पोर्टल पर ज्वैलरी बिक्री की डिटेल देने पर ग्राहकों की निजता भंग होगी। ज्वैलरी खरीद का पूरा ब्यौरा सरकार के पास होगा। इससे सबसे बड़ा नुकसान रिटेल व्यापार को होगा क्योंकि जेवर यदि किसी थोक व्यापारी से खरीदा गया है तो वह जानकारी भी लीक होगी।
— ग्राहकों में झिझक जोधपुर के ज्वैलरी बाजार में हॉलमार्र्किं को लेकर पड़ताल करने और ग्राहकों से बातचीत से पता चला कि ग्राहक इस नए कानून से असमंजस में है व नए नियमों से अनभिज्ञ है । शहर के एक ज्वैलर्स के यहां खरीदारी कर रही महिला ग्राहक से हॉलमार्क के नए नियमों के बारे में पूछा गया तो उसने जवाब दिया कि हॉलमार्क व्यवस्था तो अच्छी है मगर हमारी बचत से खरीदे गए जेवर की जानकारी पोर्टल पर डालना गलत है। वहीं सरदारपुरा बी रोड स्थित एक ज्वैलर्स कहते है कि सरकार ग्राहकों में डर पैदा कर स्वर्णाभूषणो की खरीद प्रभावित करना चाहती है ।
— देश में 4 लाख ज्वैलर्स, केवल 36 हजार ही पंजीकृत वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक भारत में करीब 4 लाख ज्वैलर्स है, इनमें से केवल 36 हजार ज्वैलर्स ही पंजीकृत है।वर्तमान में भारतीय सोने के आभूषणों का केवल 30 प्रतिशत हॉलमार्क है। देश में 940 हॉलमार्किंग केंद्र संचालित है।
— जोधपुर ज्वैलर्स व्यवसाय – 15-20 किलो स्वर्णाभूषण व बुलियन का कारोबार प्रतिदिन – 50-60 बड़े शोरूम – 2500 छोटी-बड़ी दुकानें – 5 हजार कारीगर व्यवसाय से जुड़े — —
सरकार ने बिना संसाधनों के इस कानून का लागू कर दिया है। शहर व प्रदेश में पर्याप्त हॉलमार्क सेंटर नहीं है, सभी ज्वैलर्स पंजीकृत नहीं हुए, ऐसे में सोने की शुद्धता की गारंटी देने वाले इस कानून की पालना कैसी होगी। इसके अलावा एचयूआईडी कोड को हटाया जाए।
नवीन सोनी, उपाध्यक्ष इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन, राजस्थान