कुलपति गुलाबसिंह चौहान का कहना है कि उनके समक्ष मूल सिंह की अपील के तीन बिंदु थे जिन पर सुनवाई की गई। ग्रिवेंस रिड्रेसल कमिटी की ओर से मूलसिंह का नामांकन खारिज करने पर निर्णय अपास्त कर दिया गया है।
कुलपति ने चुनाव प्रक्रिया को वैध माना है। वहीं चुनावी खर्चे से संबंधित सवाल के जवाब में उनके पास केवल चुनावी प्रक्रिया से संबंधित शिकायतें आई थीं और अपील सुननी थी। ऐसे में चुनावी खर्च से संबंधित मुद्दा उनकी अपील में शामिल नहीं था।
अब छात्र संघ के सभी पदाधिकारी भी अपने पद पर बने रहेंगे। छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश पंचारिया कुलपति का निर्णय आने के बाद विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में छात्रों से मिलते हुए दोनों पदाधिकारी कुलपति के निर्णय से खुश नजर आए। छात्रों ने दोनों को शुभकामनाएं दीं।
11 सितम्बर से शुरू हुआ सफर
जेएनवीयू में छात्रसंघ के लिए मतदान 10 अक्टूबर और मतगणना 11 अक्टूबर को हुई थी। एपेक्स अध्यक्ष पद पर 9 वोट से एनएसयूआइ के सुनील चौधरी को विजेता घोषित किया तब एबीवीपी प्रत्याशी मूल सिंह ने गायब हुए 33 मत, खारिज किए गए 568 मत सहित 20 बिंदुओं पर आपत्तियां दी थी।
22 सितम्बर को विवि की ग्रीवेंस कमेटी ने आपत्ति सुनकर नकल प्रकरण को लेकर मूलसिंह का नामांकन खारिज करने की सिफारिश की। तत्कालीन कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने मूल सिंह की अपील पर 13 अक्टूबर को अंतिम निर्णय करने की बात कही थी।
लेकिन पांच दिन पहले नए कुलपति प्रो. चौहान आ गए। उन्होंने 11 अक्टूबर को ही अपील सुन ली। बुधवार को अपना निर्णय सुना दिया।