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रसूखदारों ने उठा लिया रिफंड, बाकी को साल भर से ठेंगा

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– एक साल से अटका है जेएनवीयू विद्यार्थियों का 80 लाख का रिफण्ड

जोधपुरSep 15, 2021 / 08:41 pm

Gajendrasingh Dahiya

रसूखदारों ने उठा लिया रिफंड, बाकी को साल भर से ठेंगा

रसूखदारों ने उठा लिया रिफंड, बाकी को साल भर से ठेंगा

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के करीब एक हजार छात्र छात्राओं के तकरीबन 80 लाख रुपए का रिफण्ड अटका हुआ है। पुलिस और अन्य रसूखदारों से जुड़े कुछ विद्यार्थियों ने चुपचाप रिफण्ड उठा लिया, लेकिन सामान्य विद्यार्थी अपने ही पैसों के लिए बार-बार विवि के चक्कर काट रहे हैं।
विश्वविद्यालय में किसी पाठ्यक्रम में सामान्य सीट और स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम (एसएफएस) की सीट पर प्रवेश दिया जाता है। वरीयता सूची में पीछे रहने वाले विद्यार्थी एसएफएस सीटों पर प्रवेश लेते हैं। स्नातक प्रथम वर्ष में 1500 से 2000 रुपए तक फीस है, लेकिन एसएफएस में बीए की करीब 7 हज़ार, बीकॉम की 8 हज़ार और बीएससी की 13 हज़ार रुपए फीस है। दूसरी, तीसरी, चौथी सहित अन्य प्रवेश सूची जारी होने पर सामान्य वर्ग की खाली सीट पर एसएफएस के विद्यार्थियों का अपग्रेडेशन कर सामान्य सीट पर प्रवेश दे दिया जाता है। इसके बाद विद्यार्थियों की शेष फीस वापस लौटाई जाती है। इस साल विवि के कला, वाणिज्य, विज्ञान, विधि, कमला नेहरू महिला महाविद्यालय सहित समस्त संकायों में विद्यार्थियों की अतिरिक्त फीस वापस नहीं लौटाई गई है।
सूची आए तो हो रकम वापस

एसएफस सामान्य सीट पर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की सूची विश्वविद्यालय की ऑनलाइन विंग संबंधित संकाय को भेजती है। संकाय से बिल बनाकर विवि की लेखा शाखा में जाता है। वहां से रिफंड जारी होता है। इसके बाद संबंधित संकाय के विद्यार्थियों के बैंक खाते में शेष राशि डाल देते हैं। इस बार विवि की ऑनलाइन विंग ने संकायों को सूची ही नहीं भेजी।
ठेके पर चल रही ऑनलाइन व्यवस्था
विवि में प्रवेश प्रक्रिया सहित समस्त ऑनलाइन व्यवस्था ठेके पर है। ठेका फर्म की ओर से इक्का-दुक्का व्यक्ति ही इस कार्य में लगे हुए हैं। इससे विवि में परेशानी आ रही है। साथ ही विवि के डीन, डायरेक्टर और विभागाध्यक्ष भी विद्यार्थियों के पैसे लौटाने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
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‘कुछ बच्चों का ही रिफण्ड अटका है। वित्तीय सलाहकार को इस संबंध में अवगत कराया है। जल्द ही सभी बच्चों को उनके खाते में रिफण्ड मिल जाएगा।’

-प्रो. किशोरीलाल रैगर, अधिष्ठाता (कल संकाय), जेएनवीयू
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