हथाई, मिठाई व जोधपुर का वातावरण दुनिया में कहीं नहीं
दुनिया में जोधपुर जैसा कोई शहर नहीं है। यहां की अपणायत और कहीं नहीं मिलेगी। इसके अलावा, यहां की हथाई, मिठाई व यहां का वातारण उत्कृष्ट है, जो दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलेगा। रोजी-रोटी के जरूर बाहर है, लेकिन मन यहीं जोधपुर में बसता है, इसलिए अपने बच्चों के शादी-विवाह भी जोधपुर में समाज बंधुओं के यहां किया। मौका मिलने पर अन्य स्थानों की बजाए परिवार सहित जोधपुर आते रहता हूं।
अमराराम जांगिड्, फर्नीचर व्यवसायी
मुम्बई व दुबई
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दुनिया में जोधपुर जैसा कोई शहर नहीं है। यहां की अपणायत और कहीं नहीं मिलेगी। इसके अलावा, यहां की हथाई, मिठाई व यहां का वातारण उत्कृष्ट है, जो दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलेगा। रोजी-रोटी के जरूर बाहर है, लेकिन मन यहीं जोधपुर में बसता है, इसलिए अपने बच्चों के शादी-विवाह भी जोधपुर में समाज बंधुओं के यहां किया। मौका मिलने पर अन्य स्थानों की बजाए परिवार सहित जोधपुर आते रहता हूं।
अमराराम जांगिड्, फर्नीचर व्यवसायी
मुम्बई व दुबई
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मारवाड़ की संस्कृति को जीवित रख रहे
जोधपुर अपणायत का शहर है। हम तो बचपन से ही साम्प्रदायिक सौहार्द के बीच पले-बढ़े। अब, पिछले कई सालों से अहमदाबाद में हाईकोर्ट में वकालात कर रहा हूं। लेकिन यहां भी मारवाड़ की संस्कृति, अपणायत को जीवित रखे हुए है और जोधपुर वालों का एक अलग ग्रुप बना रखे है, जिसमें जोधपुर में मनाए जाने वाले सभी त्योहार-उत्सव एक साथ मनाते है।
लौकिक पंत, अधिवक्ता
अहमदाबाद
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जोधपुर अपणायत का शहर है। हम तो बचपन से ही साम्प्रदायिक सौहार्द के बीच पले-बढ़े। अब, पिछले कई सालों से अहमदाबाद में हाईकोर्ट में वकालात कर रहा हूं। लेकिन यहां भी मारवाड़ की संस्कृति, अपणायत को जीवित रखे हुए है और जोधपुर वालों का एक अलग ग्रुप बना रखे है, जिसमें जोधपुर में मनाए जाने वाले सभी त्योहार-उत्सव एक साथ मनाते है।
लौकिक पंत, अधिवक्ता
अहमदाबाद
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संस्कृति, अपणायत भूला नहीं
जोधपुर अपणायत वाला शहर है। मेरा बचपन, पढ़ाई जोधपुर में ही हुई है। अब कई सालों से केन्द्र सरकार में सेवाएं देने के कारण जोधपुर से बाहर हूं, लेकिन यहां की यादें, संस्कृति, अपणायत का भाव भूला नहीं हूं। पता चला कि, ईद के अवसर पर जोधपुर में दंगा हुआ, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से दुर्घटना हो गई होगी, लेकिन जोधपुर आपसी सौहार्द का शहर है।
विकास सिंह, केन्द्रीय सेवा
नई दिल्ली
जोधपुर अपणायत वाला शहर है। मेरा बचपन, पढ़ाई जोधपुर में ही हुई है। अब कई सालों से केन्द्र सरकार में सेवाएं देने के कारण जोधपुर से बाहर हूं, लेकिन यहां की यादें, संस्कृति, अपणायत का भाव भूला नहीं हूं। पता चला कि, ईद के अवसर पर जोधपुर में दंगा हुआ, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से दुर्घटना हो गई होगी, लेकिन जोधपुर आपसी सौहार्द का शहर है।
विकास सिंह, केन्द्रीय सेवा
नई दिल्ली
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यह शांति का शहर है
जोधपुर की रहने वाली हूं, यही पली-बढ़ी हूं लेकिन पिछले करीब 25 सालों से गुजरात में हूं। लेकिन आज भी जोधपुर भूली नहीं हूं। जोधपुर शांति वाला शहर है, और इसकी पहचान भी शांतिपूर्ण शहरों में होती है। यहां सभी धर्म-सम्प्रदाय के लोग आपसी भाईचारे से रहते आए है। कुछ दिनों पहले जोधपुर में हुए दंगों के बारे में देखा था, जो एक अपवाद कहा जा सकता है।मंजू सोनी, ऑन लाइन क्लोथ बिजनेस
अहमदाबाद
यह शांति का शहर है
जोधपुर की रहने वाली हूं, यही पली-बढ़ी हूं लेकिन पिछले करीब 25 सालों से गुजरात में हूं। लेकिन आज भी जोधपुर भूली नहीं हूं। जोधपुर शांति वाला शहर है, और इसकी पहचान भी शांतिपूर्ण शहरों में होती है। यहां सभी धर्म-सम्प्रदाय के लोग आपसी भाईचारे से रहते आए है। कुछ दिनों पहले जोधपुर में हुए दंगों के बारे में देखा था, जो एक अपवाद कहा जा सकता है।मंजू सोनी, ऑन लाइन क्लोथ बिजनेस
अहमदाबाद