मण्डोर थानाधिकारी रमेश खिड़िया ने बताया कि मूलत: नागौर जिले में टांकला हाल रावटी निवासी रविन्द्र (14) पुत्र सवाईराम चौकीदार अपने परिवार के साथ मंगलवार शाम घूमने के लिए नागादड़ी आया था, जहां लौटने के दौरान नागादड़ी की सीढि़यों पर रखा आटा मिल गया था। जिसे लेकर वह नागादड़ी के बीच रैलिंग पर खड़ा होकर मछलियों को आटा डालने लगा था। इस दौरान पांव स्लिप होने से वह जलाशय में गिर गया था। जुगाड़ से बनाई बिलोई की मदद से शव बाहर निकाला गया। तत्पश्चात महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया। फिलहाल चिकित्सकों ने डूबने से मौत का अंदेशा जताया है।
करंट से डूबने का आरोप, 50 लाख मुआवजे की मांग
परिजन ने जलाशय की रैलिंग में करंट प्रवाहित होने व उसकी चपेट में आने से मासूम के जलाशय में गिरने का आरोप लगाने लगे। समझाइश के बाद गोताखोरों ने बाहर निकाला, लेकिन परिजन जलाश्य के बाहर ही शव रखकर धरना देकर बैठ गए। उन्होंने 50 लाख रुपए आर्थिक मुआवजे की मांग की। डिस्कॉम अधिकारी-कर्मचारी भी मौके पर आए और समझाइश की। इस दौरान आपस में तकरार भी हो गई।
करंट से बल्ब चालू होने का आरोप
परिजन का आरोप है कि उन्होंने मंगलवार रात वायर में बल्ब कनेक्ट किया था और फिर वायर को रैलिंग से टच किए थे। इससे बल्ब जलने लग गया था। इसी से पता लगा कि रैलिंग में करंट था। हालांकि डिस्कॉम ने गुरुवार को जांच की तो करंट नहीं मिला।
सुबह 5 बजे शुरू किया राहत कार्य
पुलिस व प्रशासन ने जलाशय में बालक की तलाश के लिए लाइटें लगवाईं गईं। तब सुबह पांच बजे गोताखोरों ने राहत कार्य शुरू किया। कुछ ही देर में शव तलाश लिया गया। जुगाड़ से बनाई बिलोई की मदद से शव बाहर निकाला जा सका।