जेडीए ने इस एलिवेटेड रोड की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए 12 लाख का बजट रखा है। तीन माह में इस रिपोर्ट को तैयार कर राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा। यदि इस सडक़ की फिजिबिलिटी सकारात्मक होती है तो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानि डीपीआर तैयार होगी। पूर्व प्रस्ताव में इसकी लागत करीब एक हजार करोड़ रुपए आंकी गई थी। लेकिन अब सभी बिन्दु रिवाइज होंगे। ऐसे में बजट बढऩे का भी अनुमान है। प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट करीब साढ़े छह किलोमीटर सडक़ की तैयार हो रही है।
क्या है पूर्व प्रस्ताव में – 6.5 किलोमीटर की रोड का प्रस्ताव बनाया गया था।
– एक पिलर पर चलने वाली रोड बताई गई।
– 4 जगह इस एलिवेटेड रोड के नीचे उतरने और 2 लेन सडक़ होना बताया गया था।
– 20 फीट तक इसकी ऊंचाई का आकलन किया गया था। प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट में यह काम होगा
– बेसिक ले-आउट तैयार होगा। जिसमें टै्रफिक का आंकलन भी किया जाएगा।
– जीओ टैगिंग सर्वे भी जाएगा।
– ओरिजन एंड डेस्टिनेशन सर्वे भी होगा।
– आखलिया सर्किल से खेतसिंह बंगले तक यह सर्वे होगा।
– सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार को जाएगी। स्वीकृति मिलती है तो डीपीआर बनेगी।
– डीपीआर में इसकी लागत, कितने जंक्शन, कितनी चौड़ाई-ऊंचाई होगी यह भी तय होगा।
ट्रैफिक का भारी दबाव है सडक़ पर आखलिया सर्किल से लेकर पावटा तक यातायात का भारी दबाव रहता है। इस मार्ग पर एक भी ओवरब्रिज नहीं है। सुबह और शाम जाम की स्थिति भी बनती है। भाजपा सरकार के समय भी इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था। लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। अब तीसरी बार इस सडक़ का आंकलन होगा।
इनका कहना…
प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट हम तैयार कर रहे हैं। टै्रफिक सहित अन्य कार्यों के बारे में जानकारी जुटाएंगे। यह रिपोर्ट राज्य सरकार को जाएगी। स्वीकृति मिलती है तो आगे डीपीआर तैयार करेंगे। – संजय माथुर, अधिशासी अभियंता, जेडीए जोधपुर