चामू निवासी नरपतलाल जोशी शहर के हीरा व्यवसायी आदित्य लोढ़ा की कार का चालक रह चुका है। नौकरी छोडऩे के बाद वह लॉरेंस विश्नोई गैंग के शूटर हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट के सम्पर्क में आया था। मोबाइल व्यवसायी वासुदेव के रंगदारी न देने पर लॉरेंस गैंग उसकी हत्या की साजिश रच चुकी थी। उसकी रैकी करने में लॉरेंस गैंग के साथ कार चालक नरपतलाल भी शामिल था। हत्याकाण्ड के बाद उसी ने शूटर व उसके साथी को गांव में पनाह दी थी।
शेरगढ़ में दासानिया गांव निवासी हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट लॉरेंस गैंग का शूटर है। कार चालक नरपतलाल जोशी का गांव भी उसके पास है। एेसे में दोनों सम्पर्क में आ गए थे। नरपत ने ही अपने पुराने मालिक यानि आदित्य लोढ़ा के बारे में हरेन्द्र जाट को जानकारी दी थी। उसके मोबाइल नम्बर भी उसे दे दिए थे। वो अपने मालिक से मोटी रकम वसूलना कराना चाहता था। वासुदेव हत्याकाण्ड की जांच में दोनों के बीच बातचीत होने के भी साक्ष्य मिले हैं।
नोट बंदी के दौरान हीरा व्यवसायी आदित्य लोढ़ा ने अपने कार चालक नरपत जोशी के नाम बैंक में न सिर्फ फर्जी खाता खोला था, बल्कि फर्जी कम्पनी तक खोल ली थी। फिर उस खाते में 54.66 करोड़ रुपए का लेन-देन तक कर लिया था। आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर कार चालक को पता लगा था। तब उसने गत वर्ष 13 अप्रेल को सरदारपुरा थाने में व्यवसायी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
लॉरेंस गैंग से सम्पर्क में आने के बाद नरपत जोशी मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी को निशाना बनाने के लिए मौके की रैकी करने में शामिल था। व्यवसायी की हत्या के बाद फरार होने वाले भैरोसिंह व अन्य आरोपियों को उसने गांव में शरण दी थी। इसरानी के बाद अगला निशाना हीरा व्यवसायी ही था। उससे भी रंगदारी वसूलने की फिराक में थे।
– भूपेन्द्र सिंह, थानाधिकारी, पुलिस स्टेशन सरदारपुरा, जोधपुर।
– भूपेन्द्र सिंह, थानाधिकारी, पुलिस स्टेशन सरदारपुरा, जोधपुर।