जोधपुर शहर जहां गर्मी के दिनों में बिजली की खपत करीब डेढ़ गुना तक बढ़ती है वहां विद्युत छिज्जत और चोरी से होने वाला नुकसान भी बढ़ जाता है। पूरे साल का जितना औसत नुकसान डिस्कॉम मानता है। उससे भी पांच से छह करोड़ अधिक का नुकसान इन तीन-चार माह में होता है। इसके लिए गर्मी में मेंटनेंस और फीडर सुधार जैसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं। फिर भी हर साल नुकसान में यह उछाल आता है। ग्रामीण क्षेत्र का बिजली सिस्टम महज 13 प्रतिशत नुकसान दे रहा है, लेकिन दो माह कृषि सीजन पीक पर होने के बाद नुकसान 30 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
प्रतिशत में गणित (जोधपुर शहर) – 11.9 प्रतिशत था मार्च माह मे डिस्कॉम का औसत नुकसान
– 12.85 था पिछले मार्च 2017 में नुकसान
– 17.09 प्रतिशत इस वर्ष जून में नुकसान
– 19.18 प्रतिशत था पिछले साल
– 14.9 प्रतिशत है अब तक जुलाई में नुकसान
– 12.85 था पिछले मार्च 2017 में नुकसान
– 17.09 प्रतिशत इस वर्ष जून में नुकसान
– 19.18 प्रतिशत था पिछले साल
– 14.9 प्रतिशत है अब तक जुलाई में नुकसान
अभी 20 करोड़ का नुकसान
– 120 करोड़ की वर्तमान में औसत बिलिंग है शहर की
– 18-20 करोड़ के बीच वर्तमान नुकसान
– 200 करोड़ से अधिक होता है औसत वार्षिक नुकसान ग्रामीण क्षेत्र का आकलन
– 120 करोड़ की वर्तमान में औसत बिलिंग है शहर की
– 18-20 करोड़ के बीच वर्तमान नुकसान
– 200 करोड़ से अधिक होता है औसत वार्षिक नुकसान ग्रामीण क्षेत्र का आकलन
– 60 करोड़ एक माह की औसत बिलिंग – 13 प्रतिशत अभी नुकसान
– 35 प्रतिशत तक पहुंच सकता है कृषि सीजन में नुकसान
– 28 प्रतिशत है ग्रामीण क्षेत्र का औसत वार्षिक नुकसान
– 20 करोड़ तक पहुंच जाएगा दो माह बाद नुकसान
– 125 करोड़ की सब्सिडी देती है सरकार कृषि कनेक्शन पर
इस साल स्थिति बेहतर गर्मी में खपत बढ़ती है तो नुकसान भी बढ़ता है। इस साल तो स्थिति बेहतर है। करीब तीन प्रतिशत कम लॉस हुआ है। जेके सोनी, अधीक्षण अभियंता शहर, जोधपुर डिस्कॉम
कृषि सीजन में पड़ेगा भार ग्रामीण क्षेत्र में अभी खपत कम है तो नुकसान भी कम है। कृषि सीजन में भार पड़ेगा नुकसान 34-35 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। हालांकि पिछले साल की तुलना में 3 से 4 प्रतिशत कम है।
बीएल दैय्या, अधीक्षण अभियंता जिला वृत्त