अतिक्रमियों पर विद्युत विभाग भी इस कदर मेहरबान है कि इन्हें विद्युत कनेक्शन भी आसानी से मिल जाता है। मौके पर लगे चाय के ढाबों, केबिनों आदि में विद्युत कनेक्शन मिला हुआ है। ऐसे में नियम विरुद्ध काबिज अतिक्रमण पर विद्युत विभाग की ओर से दी जा रही शह भी सवाल खड़े कर रही है।
सवालों के घेरे में अफसरों की चुप्पी!
विद्युत निगम कार्यालय के बाहर ही हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए विभाग के अधिकारियों की ओर से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करना भी संदेह पैदा करता है। अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होने से भी विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। अफसरों की चुप्पी के कारण कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अफसरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पब्लिक भी है जिम्मेदार
इस तरह से काबिज अतिक्रमण के लिए पब्लिक भी जिम्मेदार है। पब्लिक की ओर से विरोध नहीं किए जाने के फलस्वरुप ही इस तरह से अतिक्रमण फल-फूल रहा है। पब्लिक को भी ऐसे अतिक्रमण का पुरजोर तरीके से विरोध करना चाहिए।
जनप्रतिनिधि निभाएं कर्तव्य
क्षेत्र में पग-पग पर पसरे अतिक्रमण को हटाने में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपने कर्तव्य का पालन सही से नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि दिनों-दिन अतिक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में अब समय आ गया है कि जनप्रतिनिधियों को भी अपने वोट बैंक की चिंता छोड़ते हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई कर जनता को राहत देने का प्रयास करना चाहिए।
क्षेत्र में पग-पग पर पसरे अतिक्रमण को हटाने में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपने कर्तव्य का पालन सही से नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि दिनों-दिन अतिक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में अब समय आ गया है कि जनप्रतिनिधियों को भी अपने वोट बैंक की चिंता छोड़ते हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई कर जनता को राहत देने का प्रयास करना चाहिए।