प्रति दिन हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन होने के बाद भी रोड लाइटें ठीक नहीं करवाई जा रही हैं। इस रोड पर रात के समय भारी यातायात दवाब रहता है। ऐसे में समय रहते लाइटों की सुध नहीं ली गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
औद्योगिक क्षेत्र होने से इस मार्ग से बड़ी संख्या में मालवाहक वाहन, कंटेनर, ट्रेलर आदि गुजरते हैं। वहीं औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारी भी शाम के समय छुट्टी होने पर घर की तरफ जाने के लिए निकलते हैं। औसतन यहां से ५०० से ७०० भारी वाहन रोज गुजरते हैं। जिनमें से कई ट्रैवल्स एजेंसी की बसें भी शामिल हैं।
डिवाइडर का बरसों से इंतजार
रात के समय जान मुट्ठी में रखकर गुजरते वाहन चालकों के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होती हैं। सड़क पर आवागमन को सुगम बनाने के लिए डिवाइडर भी बना हुआ नहीं है। वहीं अस्थाई तौर पर लगाए गए बेरिकेड्स भी सड़क किनारे धूल फांक रहे हैं। यातायात पुलिस के ध्यान नहीं दिए जाने से इस मार्ग पर आए दिन दुर्घटनाएं घट रही है। रात के अंधरे में कई वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होकर चोटिल हो रहे हैं।
रात के समय जान मुट्ठी में रखकर गुजरते वाहन चालकों के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होती हैं। सड़क पर आवागमन को सुगम बनाने के लिए डिवाइडर भी बना हुआ नहीं है। वहीं अस्थाई तौर पर लगाए गए बेरिकेड्स भी सड़क किनारे धूल फांक रहे हैं। यातायात पुलिस के ध्यान नहीं दिए जाने से इस मार्ग पर आए दिन दुर्घटनाएं घट रही है। रात के अंधरे में कई वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होकर चोटिल हो रहे हैं।
पोल भी खोल रहे पोल
रात को बंद रोड लाइट की समस्या कम हो जाने के बजाय इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि इस मार्ग पर कई विद्युत पोल भी गिरने के कगार पर खड़े हैं। जिन्हें ठीक करने के लिए विभाग के जिम्मेदार हादसों का इंतजार कर रहे हैं।
रात को बंद रोड लाइट की समस्या कम हो जाने के बजाय इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि इस मार्ग पर कई विद्युत पोल भी गिरने के कगार पर खड़े हैं। जिन्हें ठीक करने के लिए विभाग के जिम्मेदार हादसों का इंतजार कर रहे हैं।
ओवरब्रिज पर आधी लाइटें बंद-
बासनी ओवरब्रिज पर भी विद्युत विभाग की ओर लापरवाही साफ नजर आती है। यहां पर आधी रोड लाइटें चालू है, तो आधी रोड लाइटे बंद ही रहती हैं।
बासनी ओवरब्रिज पर भी विद्युत विभाग की ओर लापरवाही साफ नजर आती है। यहां पर आधी रोड लाइटें चालू है, तो आधी रोड लाइटे बंद ही रहती हैं।