script

VIDEO : जोधपुर के कृपाकिशन ने बॉलीवुड को दिए हैं कई तराने, बयां कर रहे हैं अपना साहित्यक सफर

locationजोधपुरPublished: Mar 06, 2018 02:44:11 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

सादगी में भीगे उनके बोल आज भी गीत-संगीत प्रमियों की जुबां पर थिरक रहे हैं।

song writers in jodhpur

lyricist, Bollywood Lyricist, talent of jodhpur, bollywood songs, jodhpur news

जोधपुर . सूर्यनगरी अपने एेतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ अपनी यहां फलने-फूलने वाली बौद्धिक सम्पति के लि भी खासा प्रसिद्धत है। इस शहर ने कला, संगीत और साहित्य जैसे क्षेत्रों में कई एेसे रत्न दिए हैं जो समय के साथ अनमोल हो गए। एेसी ही एक शख्सियत है कृपाकिशन व्यास रिंदी। जिन्होंने न केवल राजस्थानी भाषा और उर्दू को नए आयाम दिए हैं बल्कि उनकी लिखी रचनाओं ने बॉलीवुड तक को अपना दीवाना बनाया है। सादगी में भीगे उनके बोल आज भी गीत-संगीत प्रमियों की जुबां पर थिरक रहे हैं।
उनसे हुई विशेष बातचीत में उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में खासा योगदान दिया है। मुझे पंद्रह साल की उम्र से साहित्य का शौक लगा। अठारह साल का होने पर उर्दू से लगाव हुआ। लगाव भी ऐसा हुआ कि जो जीवन के साथ ही जुड़ गया। इस भाषा के व्याकरण को सीखा। बड़े साहित्यकारों का अध्ययन किया। इससे रुचि बढ़ती गई। टूटी फूटी उर्दू सही होती गई। पता चला कि लफ्जों का भी महत्व है। इसलिए हिंदी का अध्ययन भी किया। पुराने जानकारों के बिना यह संभव नहीं हो सकता था। इससे मेरा ज्ञान क्षेत्र का विस्तार हुआ। संयोगवश मेरे एक साथी ओपी व्यास से मिलना हुआ। वे संगीत में प्रवीण थे। इस कारण मैंने उनके साथ रचनाएं की। उनके साथ रहने पर एहसास हुआ कि सिर्फ उर्दू से काम नहीं चलेगा।
हिंदी और राजस्थानी का ज्ञान भी आवश्यक है। इस तरह राजस्थानी का भी अध्ययन किया। वे हारमोनियम बजाते थे। मैं उनके साथ गीत लिखता था। ये उनकी मेहरबानी थी कि मैं इस क्षेत्र में कुछ कर सका। मुशायरों में भाग लेता रहा। ऐसा करते करते मेरे साथ शीन काफ निजामए केडी राही और हबीब कैफी आदि जुड़ गए थे। मुझे राजस्थान संगीत नाटक अकादमी से सम्मान मिला था। सुर और ताल के ज्ञान सहित गीत लिखना ओपी व्यास ने ही सिखाए। वे मुझे फिल्मों में भी ले गए और मैंने कई फिल्मों के लिए लिखा। आज के साहित्यकारों का ज्ञान मॉडर्न से अल्ट्रा मॉडर्न की ओर बढ़ रहा है। अब यह छंद आदि तो निराला के साथ चला गया। अब मुक्त छंद हो गए हैं कवि।

ट्रेंडिंग वीडियो