कुरीतियों का त्याग
इसमें उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक रूप से एकराय होकर कुरीतियों के त्याग के लिए लिए गए सभी निर्णयों को पूरी कठोरता से लागू करने का भी तय किया गया।
जोधपुर के रजलानी सरपंच पारस गुर्जर ने बताया कि सामूहिक निर्णय के तहत अब गुर्जर समाज में होने वाले औसर-मौसर व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में अमल व डोडा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा और किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम में इनका प्रयोग या मनुहार नहीं की जाएगी।
लगाया जाएगा जुर्माना
इसके अलावा किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम यथा शादी समारोह व धार्मिक यात्राओं आदि में डीजे व फ्लोर पूर्णतया बंद होगा। मृत्यु पर तेरहवें की सभा नहीं होगी और बारहवें दिन को ही बहन-बेटी को सीख आदि देकर बारह दिन के कार्यक्रम पूरे कर दिए जाएंगे। यदि समाज का कोई व्यक्ति या परिवार समाज की ओर से संतों के सानिध्य में लिए गए इन सामूहिक फैसलों की अवहेलना करेगा, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस मौके पर गुर्जर समाज के विभिन्न गांवों से आए सैंकड़ों प्रबुद्धजन, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि व युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे। ये फैसले लिए
- अमल-डोडा पूर्ण रूप से बंद- किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम में मनुहार नहीं होगी।
- ससुराल पक्ष में किसी के निधन पर एक दिन की बैठक बंद यानी एक वार की प्रथा बंद और कोई मिठाई नहीं बनेगी।
- किसी भी सामाजिक कार्यक्रम यथा शादी, धार्मिक यात्रा आदि में डीजे व डांस लोर पूर्णतया बंद होगा।
- मृत्यु पर मिलणी में कपड़ों का लेन-देन बंद
- शादी में पड़ले में केवल तीन आइटम ही दिखाए व लाए जाएंगे।
- 13वीं की सभा पूर्ण रूप से बंद होगी।
- गंगाप्रसादी में कंवारी पहरावणी एवं बेटी के आने-जाने से पहले पहरावणी लाना व ले जाना पूरी तरह से बंद।
- शादी, मायरा व पहरावणी में देन-लेन के कपड़े में वेश की जगह 100 रूपए दिए जाएंगे।