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आमजन की सुरक्षा करने वाली पुलिस ने तोड़ा सहयोग का नाता, ये है बड़ी वजह

locationजोधपुरPublished: Mar 21, 2018 11:19:22 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

पुलिस स्टेशन व चौकी की सूचना देने वाले साइन बोर्ड का भुगतान करेगी पुलिस
 

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विकास चौधरी/जोधपुर. अमूमन हर पुलिस स्टेशन अथवा चौकी के ऊपर व बाहर नजर आने वाले साइन बोर्ड पर सबसे नीचे ‘सौजन्य से’ से लिखा रहता है। इसका मतलब होता है कि यह बोर्ड उस व्यक्ति या फर्म के सहयोग से लगाया गया है। अब बोर्ड पर यह सब नजर नहीं आएगा। पुलिस स्टेशन व चौकी को अब बोर्ड के लिए प्रायोजक या भामाशाह ढूंढने की जरूरत नहीं है। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए बजट जारी किया है। संबंधित थानाधिकारी की ओर से जिले के मुख्यालय अधिकारी के समक्ष बिल पेश करने पर भुगतान किया जाएगा।

… ताकि कोई गलत फायदा न उठाए

अब तक पुलिस स्टेशन या पुलिस के किसी ऑफिस में न सिर्फ सांकेतिक बोर्ड बल्कि कम्प्यूटर, एसी, टेबल कुर्सियां व पंखे आदि भी किसी की मदद से लगाए जाते रहे हैं। सांकेतिक बोर्ड पर स्पॉन्सर का नाम अंकित होता है, जो सभी को नजर भी आता है। एेसे में अंदेशा रहता है कि प्रायोजक प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से गलत फायदा न उठा लें।

नवसृजित देवनगर थाने का बोर्ड बदला

२४ फरवरी को जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में २६वें पुलिस स्टेशन के तौर पर देव नगर थाना शुरू किया गया। जगह व इमारत के अभाव में कुछ दिन मसूरिया में बाबा रामदेव मंदिर चौकी में थाना चला था। गत दिनों थाने को चौपासनी रोड पर लाल पुलिया के पास मकान में स्थानान्तरित कर दिया गया। वहां लगे बोर्ड पर सबसे नीचे इसे बनवाने वाले व्यक्ति का नाम लिखा था। पुलिस अधिकारियों की आपत्ति के बाद बोर्ड बदल दिया गया।

पहले से लगे सौजन्य वाले बोर्ड पर असमंजस जोधपुर ही नहीं राज्यभर में पुलिस चौकी या थानों पर लगे बोर्ड किसी व्यक्ति की मदद या प्रायोजक की मदद से ही लगे हैं। भविष्य में एेसे बोर्ड न लगाने के आदेश तो जारी हो गए, लेकिन पहले से लगे बोर्ड को लेकर असमंजस है।

इनका कहना है

पहले पुलिस स्टेशन पर किसी स्पॉन्सर की मदद से साइन बोर्ड बनाए जाते थे। अब पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए बजट जारी किया है। बोर्ड की जरूरत होगी तो उसके बिल का भुगतान पुलिस करेगी।
समीरकुमार सिंह, पुलिस उपायुक्त (जोधपुर)

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