… ताकि कोई गलत फायदा न उठाए अब तक पुलिस स्टेशन या पुलिस के किसी ऑफिस में न सिर्फ सांकेतिक बोर्ड बल्कि कम्प्यूटर, एसी, टेबल कुर्सियां व पंखे आदि भी किसी की मदद से लगाए जाते रहे हैं। सांकेतिक बोर्ड पर स्पॉन्सर का नाम अंकित होता है, जो सभी को नजर भी आता है। एेसे में अंदेशा रहता है कि प्रायोजक प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से गलत फायदा न उठा लें।
नवसृजित देवनगर थाने का बोर्ड बदला २४ फरवरी को जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में २६वें पुलिस स्टेशन के तौर पर देव नगर थाना शुरू किया गया। जगह व इमारत के अभाव में कुछ दिन मसूरिया में बाबा रामदेव मंदिर चौकी में थाना चला था। गत दिनों थाने को चौपासनी रोड पर लाल पुलिया के पास मकान में स्थानान्तरित कर दिया गया। वहां लगे बोर्ड पर सबसे नीचे इसे बनवाने वाले व्यक्ति का नाम लिखा था। पुलिस अधिकारियों की आपत्ति के बाद बोर्ड बदल दिया गया।
इनका कहना है पहले पुलिस स्टेशन पर किसी स्पॉन्सर की मदद से साइन बोर्ड बनाए जाते थे। अब पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए बजट जारी किया है। बोर्ड की जरूरत होगी तो उसके बिल का भुगतान पुलिस करेगी।