script5 साल में बदले जोधपुर के हालात, बेटियां बचाने-पढ़ाने में हम पूरे प्रदेश में अव्वल | jodhpur topped in beti bachao beti padhao campaign in india | Patrika News

5 साल में बदले जोधपुर के हालात, बेटियां बचाने-पढ़ाने में हम पूरे प्रदेश में अव्वल

locationजोधपुरPublished: Jul 14, 2019 04:52:06 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

जोधपुर के कारण राजस्थान को लिंगानुपात में देश भर का सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से इस उपलब्धि पर जोधपुर के कलक्टर को सात अगस्त को दिल्ली में सम्मानित भी किया जाएगा।

beti bachao beti padhao campaign

5 साल में बदले जोधपुर के हालात, बेटियां बचाने-पढ़ाने में हम पूरे प्रदेश में अव्वल

अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के नारे को जोधपुर ने केवल दीवारों की शान बनाकर नहीं रखा, हकीकत में इसे साबित कर दिखाया है। बेटियों के लिए पहले प्रशासन ने कदम बढ़ाए तो लोग भी पीछे नहीं रहे। एक के बाद एक हाथ जुड़ता गया, कारवां बनता गया…। बेटे-बेटियों में फर्क छोडकऱ बेटी जन्म की खुशियां मनाई गई। नतीजतन कल तक जोधपुर लिंगानुपात में टॉप-टेन से भी बाहर था, आज वही जोधपुर सामूहिक प्रयासों के बूते न केवल प्रदेश में अव्वल है बल्कि राजस्थान का मान देश भर में बढ़ाया है।
जोधपुर के कारण राजस्थान को लिंगानुपात में देश भर का सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से इस उपलब्धि पर जोधपुर के कलक्टर को सात अगस्त को दिल्ली में सम्मानित भी किया जाएगा। यह उपलब्धि वर्ष 2014—15 से 2018—19 के बीच बेटियों के शिक्षा स्तर व लिंगानुपात में बेहतर सुधार करने पर हासिल हुई है। दस अंकों के सुधार के साथ जोधपुर जिला प्रदेश भर में अव्वल रहा है।
वर्ष 2011 से अब तक 45 अंकों की बढ़त
वर्ष 2011 में जारी जनसंख्या के आंकड़ों में जोधपुर में लिंगानुपात 915 था। जिला टॉप-5 तो दूर रहा, टॉप-10 में भी नहीं था। आंकड़ा धीरे धीरे बढ़ा। अब यहां लिंगानुपात 960 तक पहुंच गया है। यानी 45 अंकों की सीधी बढ़ोतरी।
सामूहिक प्रयास काम आए
बेटा-बेटी में भेदभाव नहीं करने के नारे तो खूब चले लेकिन इनकी सार्थकता साबित नहीं हुई। संबंधित विभाग भी कागजी आंकड़ों से आगे नहीं बढ़े लेकिन जब सामूहिक प्रयासों से कार्य शुरू किया तो सुखद नतीजा दिखने लगा। बेटी जन्म पर खुशियां मनाई जाने लगी, ग्रामीण स्तर तक बेटी जन्म पर थाली बजाने की परम्परा चली, प्रसव में प्रथम बेटी होने पर माता को सम्मानित करने की होड़ लगी। ये सभी कार्यक्रम प्रशासनिक स्तर के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों व संस्थाओं की ओर से भी किए जाने लगे।
रंग लाई पत्रिका की मुहिम
बेटी जन्म पर खुशियां मनाने की मुहिम जोधपुर में राजस्थान पत्रिका ने ‘वंशालिका हैं बेटियां’ व ‘बिटिया बचाओ’ अभियान के तहत चलाई। यहां उम्मेद अस्पताल में बेटी जन्म देने वाली माताओं को चांदी के सिक्के देकर सम्मानित किया गया। बाद में कई गांवों में बेटी जन्म पर थाली बजाने की परम्परा भी शुरू करवाई गई। पूरे शहर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत रैली भी निकाली गई, जिसमें 200 से अधिक संस्थाएं जुटी।
सामूहिक प्रयास से बढ़े आगे
इसके लिए जोधपुर के प्रत्येक नागरिक को बधाई। यह कोई आसान काम नहीं था। वर्षों से चली आ रही मानसिकता को जब तक नहीं बदल देते, तब तक इस तरह की मुहिम सार्थक नहीं हो सकती। यहां सबसे पहले कार्य जनचेतना का किया। गांव-ढाणी की स्कूलों तक भी गए। आंगनबाड़ी की तरफ ध्यान दिया। बालिकाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की सतत मॉनिटरिंग की। अभिभावकों से मिले और उनकी मानसिक बदली। बेटियों के जन्म पर जब चहुंओर खुशियां मनाई जाने लगी तो जोधपुर के सितारे चमके। आज जोधपुर ने लिंगानुपात में पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है।
– दलवीर दढ्ढा, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो