चंद्रकला पंवार ने बताया कि समाज करीब 40 से 45 वर्ष बाद नई गणगौर लाया है। विवाह मनोरथ के तहत बैंड-बाजों के साथ बारात निकाली गई। तोरण सहित सभी रस्में हुईं। आायोजन में बड़ी संख्या में लोग जुटे।
READ MORE: Video: गणगौर महोत्सव का आगाज कल से, तीन दिनों तक रहेगी धूम इधर, पूर्बिया कलाल समाज की ओर से आयोजित गणगौर उत्सव की शुरुआत बुधवार को हुई। गणगौर को हाथीपोल स्थित समाज के नोहरे से गणगौर घाट ले जाई गई। तरूणा पूर्बिया ने बताया कि पहले दिन बड़ी संख्या में समाज की महिलाओं की भागीदारी रही।