कथक केन्द्र नई दिल्ली व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में जोधपुर के जयनारायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल में आयोजित तीन दिवसीय कथक उत्सव-2017 का आयोजन किया जा रहा है।
वाराणसी के रुद्रशंकर मिश्रा ने एकल, नासिक की अदिति नागागौड़ा ने युगल व कथक केन्द्र नई दिल्ली की रेपर्टरी के नृत्य कलाकारों ने गुरु राजेन्द्र गंगानी रचित रचनाएं रुद्राष्टकम, युगलबंदी व ठुमरी की प्रस्तुति कर दर्शकों को अभिभूत कर दिया।
कार्यक्रम रुद्रशंकर मिश्रा की एकल प्रस्तुति से शुरू हुआ। उन्होंने अपनी प्रस्तुति भगवान शंकर को समिर्पित करते हुए शुरू की। संगतकारों तबले पर उदयशंकर मिश्र, हारमोनियम पर संतोष मिश्र, सहित अपने पिता एवं गुरु माताप्रसाद की पठत पर नृत्य का प्रदर्शन किया।
उन्होंने ना केवल घोड़े की टापों की ध्वनि अपने पद संचालन के माध्यम से पेश की वरन् एक घंटे के प्रदर्शन से थक जाने के बाव
जूद कथक समिति की अध्यक्ष सुश्री कमलिनि के आग्रह पर बनारसी ठुमरी भी पेश की। इसके बोल थे- कन्हैया ने ये कैसा जादू डारा... दादरा में निबद्ध ठुमरी को दर्शकों ने करतल ध्वनि से सराहा।
दूसरे चरण में अदिति नागगौड़ा पानसे व श्रीया गुने पांडे ने युगल कथक की प्रस्तुति दी। संगतकार थे मधुश्री वैद्य पठंत, बल्लाल धवन तबले पर, आशीष रानाडे ने गायन में व हारमोनियम पर संगत की।
कथक केन्द्र नई दिल्ली रेपर्टरी की नीलाक्षी खांडकर, अनुपमा कौशिक, क्षिप्रा जोशी, अविनव मुखर्जी, मुकेश गंगानी, विश्वदीप, जया भट्ट व पार्थ मंडल ने रुद्राष्टकम, युगलबंदी व ठुमरी की प्रस्तुति दी।
संगतकार थे, पखावज पर भीमसेन, तबले पर राहुल विश्वकर्मा, गायन ब्रजेश मिश्र, उमर वारिस सारंगी पर तथा उमाशंकर सितार पर तथा बांसुरी पर विनय प्रसन्ना।