होमाष्टमी को कब करे पूजन नवरात्र की अष्टमी तिथि पर महागौरी की पूजा करने का विधान है। माता महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं और अपने भक्तों के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं। होमाष्टमी को पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त 9 अप्रैल को दोपहर 12:03 मिनट से 12:53 मिनट तक रहेगा। अमृत काल 9 अप्रैल को सुबह 1:50 मिनट से 03:37 मिनट तक तथा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:39 मिनट से सुबह 05:27 मिनट तक रहेगा। शुक्ल पक्ष अष्टमी 8 अप्रैल को रात 11:05 मिनट से शुरू होगी, जो कि 10 अप्रैल को सुबह 1:24 मिनट पर समाप्त होगी।
कन्या पूजन का विशेष महत्व नवरात्र के अंतिम दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नवरात्र में व्रत रखने वाले भक्त कन्याओं को भोजन कराने के बाद ही व्रत का पारणा करते है। कन्याओं को देवी मां का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को भोजन कराने से घर में सुख, शांति एवं सम्पन्नता आती है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या भोजन का विधान ग्रंथों में बताया गया है। इसके पीछे भी शास्त्रों में वर्णित तथ्य यही हैं कि 2 से 10 साल तक उम्र की नौ कन्याओं को भोजन कराने से हर तरह के दोष खत्म होते हैं। कन्याओं को देवी का स्वरूप मानते हुए भोजन करवाना चाहिए।