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बच्चे पत्थर तोडऩा नहीं सीखें, इसलिए खान श्रमिकों ने स्कूल में बनवा दी कंप्यूटर लैब

locationजोधपुरPublished: Aug 12, 2018 11:02:07 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

शेरगढ़ ब्लॉक के जाटी भाण्डू ग्राम पंचायत की गुंदियाल नाड़ी के ग्रामीणों की सराहनीय पहल

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अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. एक गांव जहां 70 प्रतिशत आबादी मजदूरों की है। ज्यादातर लोग खान श्रमिक हैं। गरीबी और परिवार में अशिक्षा के चलते स्कूल का महत्व नहीं समझ पाए। लेकिन अब इन्होंने शिक्षा का महत्व समझा और ठान लिया कि गांव का कोई बच्चा उनकी तरह पत्थर तोडऩे का काम नहीं करेगा। खान श्रमिकों की इच्छा थी कि आने वाला दौर कंप्यूटर शिक्षा का है, इसलिए उनके बच्चे भी कंप्यूटर में पारंगत हो जाएं।
खुली आंखों से देखा ये सपना पूरा करने के लिए शेरगढ़ ब्लॉक के जाटी भाण्डू ग्राम पंचायत की गुंदियाल नाड़ी के खान मजदूरों ने दो साल तक सौ, दो सौ व पांच सौ रुपए प्रतिमाह इकट्टे किए। इस राशि से कम्प्यूटर खरीदे और राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक स्कूल गुंदियाल नाड़ी में गांव के लोगों व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आलीशान कम्प्यूटर लैब बनवा दी। इस लैब का उद़्घाटन आगामी 15 अगस्त को कराया जाएगा। इसमें 21 कंप्यूटर व एक प्रोजेक्टर भी लगवाया है।
यूं शुरू हुई कहानी


साल 2015-16 में स्कूल प्रवेशोत्सव की मीटिंग के दौरान खान श्रमिकों ने तत्कालीन प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र सारण के समक्ष कंप्यूटर लैब का सपना साझा किया। इसके लिए सारण ने 4 लाख रुपए की आवश्यकता बताई। खान श्रमिक उसी दिन से ग्रामीण मोहन पूनिया के पास प्रतिमाह 50, सौ व दो सौ रुपया जमा कराने लगे। इसके बाद हर अमावस्या को पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में कंप्यूटर लैब के फंड पर चर्चा होने लगी। तीन-चार माह पूर्व पहले कंप्यूटर खरीदने के लिए 1 लाख रुपए कम पड़ रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने गांव के समृद्ध लोगों को भामाशाह के रूप में सोशल मीडिया पर जोड़कर पैसे इकट्टे करने की मुहिम शुरू की और करीब 90 हजार रुपए इकट्टे हो गए।
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laborers children” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/12/gundiyal_nadi_school_ki_lab_3244965-m.jpg”>बिना मजदूरी लिए बनाया फर्नीचर

कुछ समय बाद खान मजदूर फर्नीचर का सामान खरीद लाए। कर्नाटक में फर्नीचर का काम करने वाले गांव के श्रमिक नेमाराम, थानाराम, नारायण राम, भोमाराम, कुम्भाराम व प्रभुराम होली के त्योहार पर गांव आए तो लैब के लिए नि:शुृल्क फर्नीचर बना दिया। ग्रामीणों के जोश को देख जाटी भाण्डू ग्राम पंचायत की सरपंच धापु देवी बैरड़ ने जर्जर स्कूल भवन में 20 गुणा 20 के हॉल का रिनोवेशन करवा दिया। अब यहां लैब पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो गई है।
इनका कहना

मेरे लिए इस अभियान का हिस्सा बनना एक अदभूत यात्रा की तरह है। मेरे कार्यकाल में देखा गया सपना आज हकीकत बन गया है।


-सुरेन्द्र सारण, पूर्व एचएम व वर्तमान में एक स्कूल में व्याख्याता
खान श्रमिकों की ये मेहनत हम सभी गांव वालो के लिए सीख बन गई है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे गांव की सरपंच हूं।

– धापु देवी बैरड़, सरपंच


हम सभी खान मजदूरों का सपना था कि बच्चे खानों में जाकर पत्थर नहीं तोड़े। कम से कम इतने काबिल बने कि समाज की मुख्यधारा से जुड़े रहे। इसलिए हम सभी ने पैसे इकट्टे कर कंप्यूटर लैब बनाई है।
-गोरधन राम पूनिया, खान श्रमिक

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