दरवाजा बंद, खिडक़ी खोलकर घुसे अंदर
पुलिस का कहना है कि आत्मदाह किए जाने पर आग की लपटें भूतल तक नजर आने लगी थी। राह चलते व्यक्ति ने लपटें देख एम्स कर्मचारियों को अवगत कराया। एम्स के अग्निरोधी विभाग को सूचना दी। फिर कर्मचारी ऊपर की तरफ दौड़े, जहां कमरा अंदर से बंद मिला। खिडक़ी खोलकर देखा तो अंदर नर्स मृत नजर आई। बाद में पुलिस के पहुंचने पर सभी अंदर दाखिल हुए।
पहचान के लिए मोबाइल पर घंटी की तो लॉकर में बजा
गैलरी में शव पूरी तरह जल चुका था। मृतका की पहचान भी नहीं हो पा रही थी। बिज्जी एम्स में नजर नहीं आई। तब साथ काम करने वाले नर्स में उसके मोबाइल पर घंटी की लॉकर में बजने लगी। लॉकर खोलने पर उसमें बिज्जी के दो मोबाइल मिले। जिसे पुलिस ने कब्जे में लिए हैं। उसके चप्पल भी पास ही मिले। वह नंगे पांव थी। एफएसएल ने मौके से साक्ष्य जुटाए।
कुल पांच आत्महत्या : दो एमबीबीएस व दो नर्सिंग छात्र
– 7 जुलाई 2015 : जयपुर के फुलेरा निवासी एमबीबीएस छात्र गजेन्द्रसिंह (19) ने हॉस्टल रूम में फांसी लगाकर जान दे दी थी। तब गजेन्द्रसिंह ने मेडिकल फील्ड से मुक्ति पाने के लिए सुसाइड करना लिखा था।
– 16 दिसम्बर 2017 : एम्स हॉस्टल में बाड़मेर जिले के बायतु निवासी एमबीबीएस के तृतीय सेमेस्टर के छात्र पाबूलाल (21) ने बालकॉनी से लटककर जान दे दी थी।
– २६ जुलाई २०१८ : अलवर में मुंडावर तहसील में सिंहाली खुर्द निवासी एमबीबीएस की छात्रा रश्मि यादव ने छात्रावास के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने चार दिन पूर्व ही एम्स में प्रवेश लिया था। सुसाइड नोट में एक शिक्षक की डांट से परेशान होकर आत्महत्या करने का उल्लेख था। पिता रामनिवास यादव ने अज्ञात शिक्षक पर शास्त्रीनगर थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था।
– ९ सितम्बर २०१८ : पंजाब में चण्डीगढ़ निवासी रजनी (२२) पुत्री रोहिताश धनवाल ने एम्स छात्रावास के कमरे में चुन्नी से फंदा लगा आत्महत्या की थी।