जोधपुर

जोधपुर : गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों ने जोधपुर में किस तरह फैलाई थी दहशत, पढ़ें पूरी खबर

सोने से लदकद रहने के कारण व्यवसायी बना था लॉरेंस का शिकार, गनमैन देने के बावजूद व्यापारी को गोली मारी

जोधपुरJan 05, 2018 / 11:49 pm

Vikas Choudhary

जोधपुर/बासनी.

सरदारपुरा सी रोड पर पदमराज डिपार्टमेंटल स्टोर नामक मोबाइल शोरूम के
मालिक वासुदेव इसरानी को सोने से लदकद रहना जानलेवा साबित हो गया। लॉरेंस
के गुर्गों ने उसको दहशत में लाकर मोटी राशि एेंठने की ठानी। इसके लिए १९
जून को शोरूम में गोलियां भी चलाईं थी, लेकिन वासुदेव दहशत में नहीं आया।
उलटा गुर्गों की ही खिल्ली उड़ाने लगा था। यही वजह रही कि लॉरेंस व उसके
गुर्गों ने उसकी हत्या का निर्णय किया। जिसके लिए बदमाशों की नई गैंग
तैयार की गई और उन्हें पंजाब से हथियार मुहैया करवाए गए। परिणामस्वरूप १७
सितम्बर की रात १०.४५ बजे दुकान ड्योढ़ी करवा रहे वासुदेव को मोटरसाइकिल
पर आए लॉरेंस के गुर्गे गोली मारकर भाग गए। महात्मा गांधी अस्पताल में
उसकी मृत्यु हो गई थी।
४ मार्च को फायरिंग शुरू, व्यापारी की मौत पर रूकी
रंगदारी के लिए लॉरेंस विश्नोई के इशारे पर हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट व
साथी सबसे पहले चार मार्च को कल्पतरू के पास स्थित जैन ट्रैवल्स में
हथियार लेकर घुसे थे, लेकिन तकनीकी खामी के चलते हथियार से गोली नहीं चल
पाई। फलस्वरूप हथियार लेकर हरेन्द्र खाली हाथ लौट आया था। सत्रह मार्च को
आधे घंटे में समन्वय नगर स्थित डॉ सुनील चाण्डक व सेक्टर सात स्थित
ट्रैवल्स मालिक मनीष जैन के बंगले पर दहशत जगाने को अंधाधुंध फायरिंग की
गई। जैन की मर्सडीज को भी फूंक दिया गया था। कुछ दिन शांति के बाद १९ जून
को सरदारपुरा सी रोड वासुदेव इसरानी के शोरूम में गोलियां चला दी गई।
दूसरे ही दिन २० जून को शास्त्रीनगर सेक्टर सी स्थित हैण्डीक्राफ्ट
निर्यातक के बंगले को गोलियों ने निशाना बनाया। इन पर लगाम कसने में
नाकामी के चलते ही १७ सितम्बर को वासुदेव की हत्या कर दी गई थी।
सेन्ट्रल जेल में बुना रंगदारी का ताना-बाना
लॉरेंस विश्नोई दो साल से अधिक समय से पंजाब जेल में बंद है। उसके कुछ
गुर्गों को पंजाब से जोधपुर जेल ट्रांसफर किया गया था, जहां उनका सम्पर्क
हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट व खुडाला निवासी विष्णु विश्नोई से हुआ था।
लॉरेंस विश्नोई से बात करके इन्होंने जोधपुर के नामचीन लोगों से दहशत में
लाकर अवैध वसूली करने की साजिश रच डाली थी। यहीं से रंगदारी ने जोधपुर
में एेसे पांव पसारे कि वो नासूर बनने की कगार तक पहुंच गया।
– 4 मार्च : कल्पतरू के पास ट्रैवल्स ऑफिस में शूटर हथियार लेकर घुसा,
लेकिन पिस्तौल से गोली नहीं चल पाई।

– 17 मार्च : पाल रोड के पास समन्वय नगर में निजी अस्पताल के मालिक के घर
अंधाधुंध फायरिंग।
– 17 मार्च : सेक्टर सात स्थित ट्रैवल्स मालिक के घर पर फायरिंग और बाहर
खड़ी मर्सिडीज को आग लगाई।
– 15 अप्रेल : युवती को लेकर चल रहे विवाद पांचवीं चौपासनी रोड पर पान की
दुकान के बाहर बैठे दो युवकों पर फायर।
– 19 जून : सरदारपुरा सी रोड पर पदमराज डिपार्टमेंटल स्टोर में छह-सात
गोलियां चलाकर हमलावर फरार।
– 20 जून : शास्त्रीनगर सेक्टर सी स्थित हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक के बंगले
पर फायरिंग।
– 13 जुलाई : पुत्र का जन्मदिन मनाकर लौट रहे हिस्ट्रीशीटर दिनेश बम्बानी
को शास्त्रीनगर में मॉल के बाहर गोली मार घायल किया।
– 31 जुलाई : ट्रैवल्स मालिक को व्हॉट्सऐप कॉल करके रुपए के लिए जान से
मारने की धमकी। व्यवसायियों की सुरक्षा बढ़ाई।
– 17 सितम्बर : मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी की गोली मारकर हत्या।

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