जानकारी के अनुसार बिलाड़ा चिकित्सालय मे कार्यरत सीनियर रेडियोग्राफर करणसिंह परेवा की पदोन्नति अधीक्षक रेडियोग्राफर के पद पर हुई थी। उसने पिछले माह सेटेलाइट अस्पताल मंडोर में कार्यभार ग्रहण कर लिया। लेकिन बिलाड़ा चिकित्सायल में उसकी जगह किसी अन्य को नहीं लगाया गया। चिकित्सालय में असिस्टेंट रेडियोग्राफर व रेडियोग्राफर के पद भी पिछले लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं। इस कारण चिकित्सालय के एक्सरे कक्ष पर ताला लग गया।
निजी लैब वालों की चांदी बिलाड़ा चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग 300 मरीज इलाज करवाने आते हैं। इनमें से दर्जनों मरीजों को चिकित्सक एक्सरे के लिए लिखते हैं, लेकिन सरकारी अस्तपाल में एक्सरे कक्ष पर ताला लगा होने के कारण मरीजों को निजी लैब से एक्सरे करवाने पड़ रहे हैं। इससे निजी लैब वालों की चांदी हो रही है। निजी लैब वाले अस्पताल में ही मरीज को लपकने के लिए खड़े रहते हैं।
पीपाड़ या जोधपुर जाना पड़ता है दुर्घटना या लडाई झगड़ा हो तो मरीजों को एमएलसी व एक्सरे के लिए या तो पीपाड़ चिकित्सालय या फिर जोधपुर मुख्यालय पर जाकर एक्सरे करवाना पड़ता है। गरीब मरीजों के लिए ऐसा करना मजबूरी हो गया है, क्योंकि बाहर से करवाए एक्सरे न्यायालय में मान्य नहीं हैं। एेसा करने पर मरीजों व उनको परिजनों को काफी समस्या से जूझना पड़ रहा है। उनका समय व पैसा बर्बाद होता है अलग से। इतना कुछ होने के बावजूद इस मामले में विभाग अभी गंभीर नहीं है।
इन्होंने
मैंने रेडियोग्राफर लगाने के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। बाहर की लैब वालों को चिकित्सालय में न आने के लिए पाबंद किया जाएगा। डॉ. मुकेश शर्मा, प्रभारी, राजकीय मरूधर केसरी रेफरल चिकित्सालय, बिलाड़ा