जांच अधिकारी के अनुसार विक्रमसिंह व्हाट्सअप के जरिए जाली नोटो के खरीदारों से सम्पर्क करता था। कई बार खरीदार के उसके पास नहीं पहुंचने पर वह खुद उनके बताए हुए स्थान पर जाकर सप्लाई करके आता था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि जाली नोटो के देने के बदले में कोई फिक्स रेट तय नहीं की हुई थी। ग्राहक के आने पर वह 20 से 40 हजार रुपए लेकर 1 लाख रुपए के जाली नोट तैयार कर उनको सप्लाई कर देता था। इसी साल के मार्च माह में उसने जाली नोट तैयार करने का कार्य प्रारम्भ किया।
विक्रमसिंह जाली नोट बनाने में 4 ऑरिजन नोट लेकर उसको प्रिन्टर में रख कर उनके अगल-अलग प्रिन्ट कर देता था। बाद में स्केल कटर चाकूनुमा से उसको इस प्रकार की कटिंग करता एकदम देखने में वह नोट हूबहू असली की तरह दिखता। नोट बनाने में एक नामी कम्पनी के उच्च क्वालिटि के पेपर का इस्तेमाल करता। वह पेपर भी बाजार में चल रहे ऑरिजनल नोट के जैसा ही पेपर नजर आता है। वही पुलिस ने असकी निशानदेही पर जाली नोट तैयार करने में उपयोग में लिए गए प्रिन्टर, नामी कम्पनी के पेपर, कटर व इंक आदि को जब्त कर कब्जे में लिया गया है।
लोहावट थाना क्षेत्र के कोलूपाबूजी में मेगाहाइवे पर गत दिनों वह बालोतरा से फलोदी जाली नोटो की सप्लाई करने जा रहा था। मुखबिर की इतला पर लोहावट पुलिस ने मेगाहाइवे पर नाकाबंदी विक्रमसिंह को 2 लाख 66 हजार रुपए के जाली नोटो के साथ गिरफ्तार किया था। उसके पास से जाली नोट के परिवहन में प्रयुक्त एसयूवी वाहन को भी बरामद किया था। बाद में जोधपुर जिले के नोडल थाना बिलाड़ा में प्रकरण दर्ज हुआ था।