गांव में रहने वाला किशनाराम चौधरी सुबह शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा, जहां विवाद होने पर हंगामा हो गया। पुलिस ने किशनाराम को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया। फिर तहसीलदार के समक्ष पेश कर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। युवक का आरोप है कि पोल गिरने से नुकसान की शिकायत दर्ज नहीं की। विरोध करने पर थाने में पुलिस ने उसके साथ मारपीट की। जिससे उसके चोटें आईं। थानाधिकारी सुरेन्द्र चौधरी का कहना है कि मंगलवार रात भी युवक ने गांव में हंगामा किया था। सुबह फिर थाने में हंगामा करने पर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके साथ मारपीट नहीं की। तहसीलदार के समक्ष पेश करने पर उसे मारपीट की शिकायत करनी थी।
‘ठीक कर दूंगा एक मिनट में, समझे ना? किसी फूंक में रहना मत’ उपरोक्त वाक्य शायद आपके
ध्यान में होगा। बीते दिनों जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में हुए उपद्रव के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहे थे। व्यवहार के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ ने सूरसागर में संवेदनशील क्षेत्र का दौरा करने के दौरान भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों को आंख दिखाई और कथित धमकी दे डाली थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में स्पष्ट है कि सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास के सामने पुलिस कमिश्नर राठौड़ भाजपा पदाधिकारियों को धमका कर चलते बने और विधायक के मुंह से बोल तक नहीं निकल पाया। जब यह हाल जनप्रतिनिधियों का पुलिस के सामने है तो इस बात को समझने में देरी नहीं होनी चाहिए कि आम लोगों के साथ तो पुलिस क्या व्यवहार करती होगी।