तरुण ने इंजीनियरिंग कर रखी थी। वह सुबह 9 बजे परिजनों को काम पर जाने का कहकर निकला था। करीब 10 बजे मंडोर-आंगणवा रोड के पास खेतों में काम कर रहे लोग ठेकेदार के चिल्लाने की आवाज सुन भागकर आए। लोगों ने आग बुझाकर पुलिस व 108 को सूचना दी। ठेकेदार को 108 में अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टर ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य लिए। पुलिस ने मृतक के भाई अनिल परिहार की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
चिल्लाता रहा लेकिन… मंडोर थाना क्षेत्र में आंगणवा के पास सुनसान जगह पर सोमवार सुबह एक जहां तरुण को जिंदा जलाया गया, वहां निकट ही खेत थे। तरुण की चीख सुनकर खेतों में काम कर रहे लोग दोड़कर वहां पहुंचे, तो देखकर दंग रह गए। विलायती बबूलों के बीच युवक तरुण के बदन से लपटें उठती देख लोग सहम गए। लोगों ने उसके जलते हुए शरीर पर मिट्टी डालकर आग बुझाई। वह बस एक ही बात दोहरा रहा था, ‘कोई पानी पिला दो।’
प्रत्यक्षदर्शी ओमाराम ने बताया कि घटना के समय वह खेत में काम कर रहा था। उसने आग के गोले के साथ एक शख्स के चिल्लाने की आवाज सुनी। वहां पहुंचा तो एक व्यक्ति को आग में जलते देखा। उसने अन्य लोगों ने मिट्टी डालकर आग बुझाई। आग बुझने पर वह देर तक पानी पिलाने की गुहार लगाता रहा। लोगों ने उससे घटना के बारे में पूछा, लेकिन संभवतया कान के पर्दे फटने के कारण उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। वह सिर्फ पानी मांगता रहा। कुछ देर बाद उसने बोलना बंद कर दिया। इसके बाद पुलिस व 108 भी मौके पर आ गई।
सिर पर चोट का निशान, आखिरी बात पार्टनर से हुई – तरुण के चाचा गणपत सिंह ने बताया कि तरुण अपने पार्टनर सोनू के साथ ठेकेदारी का काम करता था। तरुण की हादसे से पहले मोबाइल पर आखिरी बार बात सोनू से हुई थी। पुलिस ने संदेह के आधार पर पार्टनर समेत कई लोगों से पूछताछ की।
– दूसरी तरफ तरुण के सिर पर चोट का निशान था, संदेह है कि उसके सिर पर हमला कर उसे आग से जला दिया था। सिर पर चोट के कारण वह बचाव नहीं कर पाया।
– तरुण के घर से घटनास्थल करीब 6 किलोमीटर दूर है। इस पर परिजनों ने रास्ते के सभी सीसीटीवी फुटेज देखे। सीसीटीवी फुटेज में एक कार उसकी बाइक पीछे चल रही थी। जो कच्चे रास्ते से पहले तक मुख्य सड़क पर सभी सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी।