मंडोर हमसे कह रहा, कभी हम भी इतराते थे…लेकिन आज हो गए बदसूरत
जोधपुरPublished: Jun 13, 2019 01:48:41 pm
अब भी समय है, संभाल लो…अन्यथा ‘खूबसूरत था मंडोर गार्डन…’ आने वाली पीढिय़ां को बस यही सुनने को मिलेगा।
मंडोर हमसे कह रहा, कभी हम भी इतराते थे…लेकिन आज हो गए बदसूरत
जोधपुर. इन तस्वीरों को आप गौर से देखिए…। ये तस्वीरें बोल रही हैं कभी हम भी अपनी खूबसूरती पर इतराते थे, हमें देखने देश विदेश के पर्यटक आते थे, लेकिन अब हालात इतने बदसूरत हो गए हैं कि पर्यटक तो दूर जोधपुर शहरवासी तक नजर डालना गवारा नहीं समझते है। यही कारण है मंडोर उद्यान में परम्परागत नागपंचमी मेला और वीरपुरी का मेला बंद हो चुका है। उद्यान में स्थित नागादड़ी जलाशय की सीढिय़ों पर कचरे के अलावा कुछ नहीं है। जब बारिश के दिनों में प्राचीन जलाशय ओवरफ्लो होता है तो उद्यान की प्राचीन नहर मंडोर गार्डन की शोभा बन जाती थी। लेकिन…अब। बारिश का इंतजार है, लेकिन नहर के हालात खस्ता हैं। इसी नहर में फाउंटेन लगे थे, जो अब सिर्फ दशकों से बंद पड़े होने के कारण इतिहास बन गए। उद्यान में पर्यटकों के लिए लगी बैंच टूट चुकी है तो बिजली के पोल गायब हो गए। अब बस मंडोर गार्डन की खूबसूरती इतिहास बनती जा रही है। अब भी समय है, संभाल लो…अन्यथा ‘खूबसूरत था मंडोर गार्डन…’ आने वाली पीढिय़ां को बस यही सुनने को मिलेगा।