scriptदेवशयन होते ही मारवाड़ में थम जाएंगे मांगलिक कार्य | Mangalik work will stop in Marwar as soon as Devshayan | Patrika News
जोधपुर

देवशयन होते ही मारवाड़ में थम जाएंगे मांगलिक कार्य

रामस्नेही संतों का चातुर्मास बुधवार से हो जाएगा शुरू, जैन चातुर्मास 4 से

जोधपुरJul 01, 2020 / 12:02 am

Nandkishor Sharma

देवशयन होते ही मारवाड़ में थम जाएंगे मांगलिक कार्य

देवशयन होते ही मारवाड़ में थम जाएंगे मांगलिक कार्य

जोधपुर. देवशयनी एकादशी को वैष्णव व रामस्नेही संतों के चातुर्मास आरंभ होने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। जैन संतों का चातुर्मास 4 जुलाई चतुर्दशी से शुरू होगा। देवशयन के साथ ही चातुर्मास काल के दौरान समूचे मारवाड़ में मांगलिक कार्य एवं सभी तरह के महत्वपूर्ण शुभ कार्य थम जाएंगे। देवप्रबोधिनी एकादशी 25 नवम्बर से पुन: मांगलिक कार्य आरंभ हो सकेंगे। सूरसागर बड़ा रामद्वारा के महंत संत रामप्रसाद का द्विमासिक चातुर्मास तिंवरी गीताधाम के पास स्थित रामस्नेही गुरुकुल परिसर में बुधवार को सुबह मंगलप्रवेश के साथ शुरू होगा। रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री का चातुर्मास बड़ा रामद्वारा चांदपोल में 1 जुलाई से 27 अक्टूबर तक रखा गया है। चातुर्मास दौरान कोरोना महामारी के कारण किसी भी तरह से कोई भी धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम नहीं होंगे। भक्तों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कथा श्रवण की व्यवस्था की गई है।
संत कमलमुनि ने की साध्वीवृंद से धर्म-अध्यात्म पर चर्चा
संत कमलमुनि कमलेश ने कहा कि चीन की ओर से कायराना हमला करना अक्षम्य अपराध है। महामंदिर जैन स्थानक में गलवान घाटी में शहीद भारतीय जवानों की श्रद्धांजलि सभा में संत ने कहा यह समय राजनीतिक विवाद में उलझने का नहीं है बल्कि देश की एकता के लिए सरकार के साथ चट्टान के भांति खड़ी होने का समय है। नेपाल चीन और पाकिस्तान यदि हमारी अहिंसा को कमजोरी मानते हैं तो उनके भयंकर भूल है। भगवान महावीर ने तो रक्षा के लिए किया गया युद्ध भी धर्म युद्ध के नाम से पुकारा है वह भी अहिंसा है। जैन संत ने साध्वी मनोहर कंवर, साध्वी जयमाला आदि साध्वीवृंद से धर्म-अध्यात्म पर चर्चा की। बुधवार से महावीर भवन निमाज की हवेली में दो दिवसीय कोरोनावायरस की समाप्ति के लिए मंत्र जाप किया जाएगा।
भैरु बाग जैन तीर्थ में जैनाचार्य का मंगलप्रवेश
आत्म जागृति के पर्व जैन चातुर्मास की आराधना के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, स्थानकवासी एवं तेरापंथी जैन समाज के साधु-साध्वीवृंद के मंगलप्रवेश की तैयारियां शुरू हो गई है। जैन आचार्य वयोवृद्ध संत विजय राजतिलक और उनके शिष्य बाल मुनि विजय मोक्ष तिलक मंगलवार को भैरुबाग पाŸवनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ में चातुर्मास के लिए सादगीपूर्वक मंगल प्रवेश किया। सुबह 9 बजे न्यू पॉवर हाउस रोड पर सेक्शन 7 से आचार्य विहार कर भैरुबाग पहुंचे । धर्मसभा में संत कमलमुनि, संत रामप्रकाश आदि मुनिवृंद भी शामिल हुए। मरुधर मणि की उपाधि से विभूषित विजय राजतिलक महाराज 18 भाषाओं के ज्ञाता और जैन शास्त्रों के अनुसंधान कर्ता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो