लहर कंवर के पति हरीसिंह भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर सेवारत थे। 1962 में भारतीय सेना में भर्ती हुए हरीसिंह ने 1965 और 1971-72 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाया। उन्हें रक्षा मेडल, समर सेवा स्टार और संग्राम मेडल जैसे वीरता पुरस्कार प्राप्त हुए। 24 अप्रेल 1983 को फौजी वाहन की दुर्घटना में हरीसिंह का निधन हो गया। लहर कंवर को ‘वार-विडोÓ के नाते 31 मार्च 1991 को पाली जिले के साण्डेराव में 2 हेक्टर कृषि भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन ज़मीन का भौतिक कब्जा उन्हें कभी नहीं मिला।