scriptसरकार को करोडों की आमदनी देने वाले माचिया बॉयोलॉजिकल पार्क में तीन साल से नही लगे पौधे | MBP, gives crores of rupees to the govt., did not plant for three year | Patrika News

सरकार को करोडों की आमदनी देने वाले माचिया बॉयोलॉजिकल पार्क में तीन साल से नही लगे पौधे

locationजोधपुरPublished: Jul 05, 2020 10:59:40 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

तीन साल पहले वन अधिकारी के प्रयासों से की गई हरियाली भी चौपट होने के कगार पर

सरकार को करोडों की आमदनी देने वाले माचिया बॉयोलॉजिकल पार्क में तीन साल से नही लगे पौधे

सरकार को करोडों की आमदनी देने वाले माचिया बॉयोलॉजिकल पार्क में तीन साल से नही लगे पौधे

जोधपुर. सरकार को करोड़ों का राजस्व अर्जित कर देने वाले जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान के करीब आठ हजार पेड़-पौधों की स्थिति इन दिनों “पानी में रहकर भी मीन प्यासी” जैसी हो गई है। कायलाना झील से सटे होने के बावजूद पौधों को नियमित रूप से पानी नहीं मिलने से अधिकांश पौधों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। वनविभाग के वन्यजीव मंडल के अधीन शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल में शुमार हो चुके उद्यान में पिछले तीन साल में नए पौधे लगाने के बारे में कोई तरह की विभागीय पहल नहीं की गई है। हालांकि वर्ष 2013 से 31 जुलाई 2017 तक माचिया जैविक उद्यान के तत्कालीन उपवन संरक्षक रहे महेन्द्रसिंह राठौड़ ने खुद अपने स्तर पर 26 किस्म के सात हजार पेड़ पौधों को रोपित कर हरियाली लाने का प्रयास किया। वन्यजीवों को प्रदूषण मुक्त वातावरण और वन्यजीव पर्यटन क्षेत्र में जोधपुर को खास स्थान दिलाने के लिए करीब 4 साल तक लगातार प्रयास में राठौड़ को सफलता भी मिली। चट्टानों में पौधरोपण जैसी चुनौती के कारण आफरी, काजरी एवं अन्य विशेषज्ञ से सलाह लेकर चट्टानों में नीम 800, पीपल 1500, गूगल 20, धोक 50, करंज 400, बड़ 250, बेर 200, शीशम 50, बोगेनवेल 1800 सहित कुल सात हजार पौधे लगाए लेकिन 2017 में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद नए पौधे लगाने के प्रयास तो दूर पूर्व लगे पेड़ पौधे और हरियाली की भी देखरेख न होने से उजडऩे लगी है। हरियाली से आच्छादित माचिया के रेस्टिंग शेल्टर हाउस भी दुर्दशा का शिकार हो चुके है।

चट्टान होने के कारण पौधरोपण नहीं

माचिया जैविक उद्यान परिसर की पथरीली चट्टानों में ब्लास्ट कर पौधे लगाना मुश्किल है। वर्ष 2017 से अब तक तीन साल में वन महोत्सव और अन्य विशेष दिवस पर कुल 52 पौधे लगाए गए है।
अशोकाराम पंवार, क्षेत्रीय वन अधिकारी, माचिया जैविक उद्यान

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