उल्लेखनीय है कि बिलाड़ा ग्रामीण क्षेत्र में रेलवे द्वारा कुछ समय पूर्व बनाए गए पुलों में काफी कमियां रखने से ग्रामीणों को परेशानियों से गुजरना पड़ रहा था। भावी के ग्रामीणों ने केन्द्रीय राज्यमंत्री पीपी चौधरी से लिखित में शिकायत की। मंत्री चौधरी ने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जोधपुर डीआरएम को दूरभाष पर अवगत करवाया। सोमवार को जोधपुर डीआरएम ने विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीसी तिवारी को मौके पर भेजा।
खामियां गिनाते रहे ग्रामीण पुलों का जायजा लेने के दौरान ग्रामीणों ने अभियंता को बताया कि पुल निर्माण में दोनों आेर अत्यधिक ढलान देने के कारण टे्रक्टर-ट्रोले पार नही हो पाते हैं। पुल के अधिक घुमाव के कारण आमने-सामने से कोई वाहन नहीं गुजर सकता वहीे पुल के दोनों ओर बड़े गति अवरोधक होने के कारण वाहनों को पुन: नीचे आ जाने का भय हर समय सताता है। पुल की दीवारों की ऊंचाई कम होने के कारण आए दिन पशु गिर रहे हैं। ग्रामीण जब समस्याएं बता रहे थे उसी दौरान वहां पत्थर के पाट से भरी एक ट्रैक्ट्रर-ट्रॉली आई। ट्रैक्ट्रर ढलान पर पलटी न खा जाए, डर से ट्रैक्टर के बोनट पर आदमी को खड़ा कर वहां से धीरे धीरे ट्रैक्ट्र्रर-ट्रॉली को पार करवाया गया। यह दृश्य देख रेलवे अधिकारी दंग रह गया।
किया नाप-जोख इंजीनियर तिवारी के साथ आए दो अन्य कर्मचारियों ने पुलिए के निर्माण के दौरान पुलिए का घुमाव, पुलिए की दीवार, ऊंचाई, ढलान आदि का नाप-जोख कर संबंधित अधिकारी को सूचना दी। इंजीनियर ने पत्रिका संवाददाता को बताया कि ग्रामीणों की समस्या वाजिब है तथा पुल निर्माण के दौरान कंपनी द्वारा बरती गई लापरवाही का खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। इन सभी समस्याओं का निवारण करने के साथ बारिश के समय पुलिए में भरने वाले पानी को निकालने के लिए यहां एक जनरेटर एवं पंपसेट नियमित रूप से
कार्य करेगा। इस अवसर पर भागीरथ सारण, संपत सोहू, बगदाराम सीरवी, बालूराम देवासी, मांगीलाल माली, कालूराम माली, सोहनलाल देवासी एवं सुनील परिहार मौजूद थे।