दिल की घातक बीमारियों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट मुख्य रूप से शामिल है। हार्ट अटैक के दौरान बचने की संभावनाएं काफ ी अधिक होती हैं, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के दौरान मौके बेहद कम हैं। समय रहते अगर मरीज को उपचार नहीं मिलता है तो मरीज की जान चली जाती है। अस्पताल में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन) प्रक्रिया से आपातकाल के दौरान कार्डियक अरेस्ट के शिकार मरीज को बचा लेते हैं, ताकि ब्रेन को ऑक्सीजन मिल जाए। कई बार सीपीआर के बाद इलेक्ट्रिक शॉक की जरूरत होती है, जिसके लिए डिसीब्रिलेटर मशीन की जरूरत होती है। इसका समय पर उपलब्ध न होना मरीज की जान पर भारी पड़ जाता है।
अभी एक मशीन ट्रोमा इमरजेंसी व ट्रोमा आइसीयू के बीच कॉमन है। वैसे दूसरी मशीन एक-दो दिन में सही हो जाएगी।
– डॉ. एमके आसेरी, अधीक्षक, एमडीएम अस्पताल