सूखे की मार के चलते पशुपालक दूसरे शहरों व कस्बों की ओर पलायन कर रहे है। बारिश के अभाव में खेल खलिहान व जंगल में घास नही उग पाई है। इससे अब पशुपालकों के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है। पिछले दिनों में आंधी में भटकते हुए पशुपालक भेड़-बकरियों के साथ दूसरे गांवों व कस्बों की ओर रुख कर रहे है।
महंगा हुआ चारा हालांकि दो दिनों से आंधी के झोंके कुछ धीमे पड़े है। अन्नदाता के साथ पशुपालक अब इंद्रदेव से बरसात की अरदास कर रहे हैं। इन सबके बीच महंगा हुआ पशुओं का चारा पालकों के लिए चिंता का कारण बन गया है। हरा चारा है नहीं। सूखे चारे के भाव बढ़ गए हैं। पशु पालक बताते है कि सूखे के चलते अपनी भेड़-बकरियों व ऊंटों को लेकर चराई के लिए जालोर, सिरोही, पाली जिलों सहित मध्य प्रदेश भी जाना पड़ता है। भेड़-बकरियों के चारे पानी के लिए एक गांव से दूसरे गांव की ओर ले जाता एक पशुपालक।