आरटीआई कार्यकर्ता मेघवाल ने बताया कि ज्यादातर खनन उस क्षेत्र में हो रहा है, जो आगोलाई, डूडीनगर व दूगर तालाबों का मुख्य कैचमेंट क्षेत्र है। इस क्षेत्र के पहाड़ों का पानी इन तालाबों को भरता हैं। साथ ही किसी भी स्टोन क्रेशर के चारों तरफ कोई दीवार या जीआई चद्दर का कवर नहीं हैं, के्रशर संचालन क्षेत्र में ना तो पानी का छिडक़ाव होता हैं और ना ही पौधारोपण किया गया हैं। पास में स्थित राप्रावि बेलदारों की ढ़ाणी से मात्र 500 मीटर दूरी पर स्टोन क्रेशर लगे हुए हैं तथा यहां से प्रतिदिन सैकड़ों डंपर स्कूल के आगे से होकर डस्ट उड़ाते हुए कंक्रीट परिवहन कर रहे हैं ।
ग्रामीणों व आगोलाई, दूगर के जनप्रतिनिधियों ने कई बार प्रशासन को अवगत भी करवाया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गत दिनों आगोलाई व दूगर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान में नियम विरुद्ध चल रहे स्टोन क्रेशर को लेकर ग्रामीणों की ओर से प्रशासन को ज्ञापन दिया गया हैं ।
– डॉ.मनोज खेमादा, उपखंड अधिकारी, बालेसर