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जोधपुर एम्स के दीक्षांत समारोह में मंत्री हर्षवर्धन ने दी सीख, कहा डॉक्टर्स हर महीने पढ़े हिपोक्रेटिक ओथ

जोधपुर एम्स के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी पहुंचे। यहां अपने उद्बोधन में उन्होंने डॉक्टर्स को एक सीख दी। आप भी पढ़े मंत्री हर्षवर्धन ने क्या कहा…

जोधपुरDec 07, 2019 / 04:22 pm

Harshwardhan bhati

जोधपुर एम्स के दीक्षांत समारोह में मंत्री हर्षवर्धन ने दी सीख, कहा डॉक्टर्स हर महीने पढ़े हिपोक्रेटिक ओथ

वीडियो : अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. जोधपुर एम्स के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी पहुंचे। यहां अपने उद्बोधन में उन्होंने डॉक्टर्स को एक सीख दी। आप भी पढ़े मंत्री हर्षवर्धन ने क्या कहा…
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मैं सर्वप्रथम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूंगा कि वह सदैव ही मेडिकल और वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने में अग्रसर रहते हैं। आज भी उन्होंने अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकाल कर विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया है। मैं विद्यार्थियों को बधाई देता हूं कि वे आज देश के उच्चतम शिक्षण संस्थान से उत्तीर्ण होकर निकल रहे हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि दिल्ली एम्स के बाद आज जोधपुर एम्स सबसे अच्छे शिक्षण संस्थानों में शुमार हो गया है। बीती रात मुझे जोधपुर एम्स की फैकल्टी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
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मैं जब 2014 में मंत्री बना था तब से इस शिक्षण संस्थान की गतिविधियों को देखता आया हूं। यदि पूरी मेहनत और लगन के साथ ऐसे ही आगे बढ़ते रहे तो उम्मीद है कि यह दिल्ली एम्स से भी आगे निकल जाएगा। इस मंच से मैं देश के महान नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं। जिन्होंने मेडिकल सेवाओं और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास करते हुए योजनाओं को क्रियान्वित किया। मुझे लगता है कि सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि हर कोई ऐसे महान नेताओं के योगदान को शुक्रिया कहेगा।
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यह मंच सबसे सही जगह है जहां हम उन्हें याद करने के साथ ही उनके योगदान का स्मरण कर सकते हैं। मैं जब भी किसी मेडिकल शिक्षण संस्थान में ऐसे कार्यक्रमों में जाता हूं तो मुझे उन दिनों की याद आ जाती है जब मैं भी ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान में मेडिकल का विद्यार्थी हुआ करता था। मैं इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से अपने शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने मुझे एक अच्छा चिकित्सक बनने में सहायता की। विद्यार्थियों को इस बात के लिए खुश होना चाहित कि वह आज ऐसे उच्च संस्थान से पास आउट हो रहे हैं लेकिन साथ ही एक अच्छा डॉक्टर बनने और कहलाने के लिए चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए।
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मेरे शिक्षक मुझे बताया करते थे कि एक अच्छा डॉक्टर होने के लिए करुणामय, अपने कार्य के प्रति कमिटेड और ईमानदार होना चाहिए। अपने शिक्षण के दौरान हमें हिपोक्रेटिक ओथ के बारे में बताया जाता है कि लेकिन हम इसे याद नहीं रखते हैं। मुझे लगता है विद्यार्थियों को प्रत्येक महीने और बीतते हुए साल के साथ इस शपथ को याद करते रहना चाहिए। आज भले ही आप लोग पासआउट हो गए होंगे लेकिन असली शिक्षा आज से ही शुरू होती है।
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यदि आप अपनी शिक्षा ऐसे ही निरंतर जारी रखते हैं तो यकीनन आप एक अच्छे डॉक्टर कहलाएंगे। इस समय देश में एक अच्छे पीएम और प्रेसिडेंट हैं। ऐसे पीएम हैं जिनका हृदय गरीब तबके के लोगों के लिए धडक़ता है। आज पीएम की बदौलत साइंस एंड टेक्नोलॉजी और मेडिकल साइंस अलग अलग क्षेत्र नहीं रह गए हैं। अब यह दोनों एक ही हैं। आज विज्ञान की उपलब्धियों को गरीबों के उत्थान के लिए उपयोग में लाई जानी चाहिए।
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