सात घंटे बाद बंद हुआ था मोबाइल, पुलिस को सूचना दी 12 घंटे बाद
- व्यवसायी परिवार से जहरखुरानी का मामला
- पुलिस को तुरंत सूचना देते तो शहर में ही पकड़े जाते नौकर दंपती, अब दिल्ली से आगे भागे

जोधपुर.
सरदारपुरा डी रोड पर वाहन शोरूम व्यवसायी के परिवार से जहरखुरानी करने वाले नौकर का मोबाइल सात घंटे बाद तक चालू था। गत 9 दिसम्बर की शाम साढ़े सात बजे मंचूरियन में जहर मिलाकर खिलाया गया था। कुछ देर में वृद्ध व्यवसायी सहित चार जनों की तबीयत बिगडऩे पर नेपाल के नौकर मोहन व कमला गायब हो गए थे। रात डेढ़ बजे तक नौकर का मोबाइल चालू था। जालोरी गेट के आस-पास उसकी अंतिम लोकेशन आई थी। फिर उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। व्यवसायी के पौत्र ने चारों को रिश्तेदारों की मदद से निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। किसी ने पुलिस को सूचना तक नहीं दी। वारदात के बारे में पुलिस को 13 घंटे बाद रविवार सुबह दी गई थी, लेकिन तब तक बदमाशों को भागने में काफी समय मिल चुका था।
दूसरे दिन राज्य से बाहर भागे, तलाश में पुलिस
सरदारपुरा थाने में नेपाल निवासी नौकर मोहन व कमला के खिलाफ जहरखुरानी का मामला दर्ज कराया गया। वारदात में इन दोनों के अलावा नेपाल निवासी प्रकाश व एक-दो अन्य युवकों के शामिल होने का अंदेशा है। व्यवसायी के घर काम पर रखवाने वाला नेपाल निवासी प्रकाश भी गायब है। इनके मोबाइल भी स्विच ऑफ हैं। तकनीकी जांच में पुलिस को आरोपियों का कुछ सुराग मिला है। इनके राज्य से बाहर भागने का अंदेशा है। तलाश में पुलिस टीम वहां भेजी गई है।
अंदेशा : रुपए न होने पर दो दुकानों में लगाई थी सेंध
शास्त्रीनगर थानान्तर्गत मिल्कमैन कॉलोनी में 9 जनवरी की देर रात दो दुकानों के शटर मोडक़र मोबाइल एसेसरीज चोरी हो गए थे। कॉलोनी में ही एक चिकित्सक के मकान की घंटी बजाई गई थी, लेकिन चिकित्सक की सजगता पर पुलिस पहुंच गई थी व चोर भाग गए थे। सीसीटीवी फुटेज में नेपाल के मोहन की मिलती-जुलता व्यक्ति दिखाई दिया है। पुलिस का दावा है कि जहरखुरानी के बाद नौकर कोई भी कीमती सामान नहीं चुरा पाए थे। शहर से भागने के लिए रुपए अथवा कुछ अन्य कीमती सामान की जरूरत होने पर दुकानों में चोरी की।
नेपाल के स्थानीय लोगों से मदद के प्रयास
जोधपुर में नेपाल के बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं। पुलिस ने इनमें से कुछ लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा है। वहीं, नेपाल के कुछ अन्य लोगों से भी मदद ली जा रही है।
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समय पर सूचित करते तो तुरंत पकड़े जाते
‘जहरखुरानी के दूसरे दिन पुलिस को सूचित किया गया था। इलाज के लिए लाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने भी पुलिस को अवगत नहीं कराया। यदि तुरंत सूचना मिल जाती तो नौकरों को शहर में पकड़ लिया जाता। आरोपियों की तलाश के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।’
आलोक श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) जोधपुर।
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