जी हां, घबराने की बात नही हैं यह कोइ आतंकवादी हमला नहीं है बल्कि मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया था। आतंकवाद की बढ़ती गतिविधियों के कारण ये मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है। इस मॉकड्रिल की मॉनिटरिंग डॉ. अमनदीपसिंह कपूर सिंह ने की। जोधपुर में ११ अगस्त के बाद आज १२ अक्टुबर को मॉकड्रिल का फिर से आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट पर दोपहर में आतंकी हमला व फायरिंग होने की सूचना मिली पुलिस कन्ट्रोल रूम में मिली इस सूचना से सभी में हड़कम्प मच गया सभी पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए इसके अलावा एयरपोर्ट के आस पास नाकाबंदी शुरू कर दी गई एक के बाद एक सभी पुलिस अधिकारी व जवान एयरपोर्ट पहुंचे और मोर्चा संभाल लिया फिर पता लगा कि यह मॉक ड्रिल है तब सभी ने राहत की सांस ली।
११ अगस्त को दी गइ थी बम विस्फोट की धमकी.. ‘पुलिस विभाग को सूचना दे रहा हूं। आज दस अगस्त को हाईकोर्ट जोधपुर कैम्पस के अंदर पांच स्थानों पर बम विस्फोट होंगे। आप अभी पूरा कैम्पस खाली कराएं।Ó जिला सेशन कोर्ट में टेबल पर सीडी वाले लिफाफे में हाथ से लिखी पर्ची पर मिली इस सूचना ने गुरुवार दोपहर न सिर्फ हाईकोर्ट परिसर और पुलिस, बल्कि वहां मौजूद लोगों और शहर में हड़कम्प मचा दिया। आनन-फानन में जोधपुर पुलिस के आला अधिकारी हाईकोर्ट पहुंचे। दोपहर १२.३० बजे से देर शाम तक पुलिस, एटीएस, ईआरटी, सीआईडी व अन्य जांच एजेंसियों ने सघन सर्च अभियान चला हाईकोर्ट के १७ बैंच, उससे जुड़े चैम्बर, पार्र्किंग स्थल, अधीनस्थ न्यायाालय और मण्डोर रोड स्थित एडीजे ग्रामीण, कलक्ट्रेट परिसर में तलाशी की। बम निरोधक दस्ता, सीआईडी व एटीएस के डॉग स्क्वॉयड ने हर एक कोने की जांच की। हाईकोर्ट के मुख्य भवन की छत की भी तलाशी ली गई। आखिरकार न तो कोई बम मिला और न ही कोई संदिग्ध वस्तु या सामग्री। तब पुलिस के साथ ही न्यायिक अधिकारी और इनसे जुड़े लोगों और आमजन ने राहत की सांस ली।
हाईकोर्ट परिसर खाली नहीं कराया, एक-एक की जांच बम विस्फोट की धमकी हाईकोर्ट परिसर से जुड़ी होने के कारण एसीपी पूजा यादव, उदयमंदिर थानाधिकारी मदनलाल तुरंत मौके पर पहुंच गए। डीसीपी डॉ. अमनदीपसिंह कपूर भी हाईकोर्ट पहुंचे और सर्च अभियान शुरू करवाया। आधे घंटे बाद पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ भी हाईकोर्ट पहुंचे। बाद में कमिश्नरेट के पूर्वी जिले से जुड़े अधिकतर अधिकारी कोर्ट परिसर पहुंचे। सबसे पहले हाईकोर्ट परिसर के पीछे स्थित वाले हिस्से से तलाश शुरू की गई। पुलिस ने हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालय खाली नहीं करवाया। वहां आने वाले हर एक व्यक्ति को मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद प्रवेश दिया गया। खोजी श्वानों को कोने-कोने में घुमाया गया।