उ त्तरी हिंद महासागर (अरब सागर और बंगाल की खाड़ी) में पिछले 10 साल में चक्रवाती तूफानों की तीव्रता 11 प्रतिशत बढ़ गई है। दोनों में चक्रवाती तूफानों का औसत क्रमश: 1: 4 है। पिछले सौ साल में अरब सागर में 33 और बंगाल की खाड़ी में 262 चक्रवात आए हैं लेकिन 2018 और 2019 में सात-सात चक्रवाती तूफानों ने वैज्ञानिकों की नींद उड़ा दी है। सात में से छह वैरी सीवियर साइक्लोनिक स्ट्रोम कैटेगरी के थे।
भारतीय मौसम विभाग ने इस बार नौ अक्टूबर को थार से मानसून की विदाई की घोषणा की। इससे पहले 1961 में एक अक्टूबर को मानसून की विदाई हुई थी। इस साल केरल और राजस्थान में मानसून एक-एक सप्ताह लेट हो गया, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 20 दिन देरी से आया।
इस साल के साइक्लोन
01—-पबुक
02—- फानी
03—-वायु
04—-हिक्का
05—-क्यार
06—-महा
07—-बुलबुल हम पर यह असर
– 1980 के बाद से हैजा के मरीज 3 प्रतिशत बढ़े
– मलेरिया कम हुआ तो डेंगू फैला
– आज पैदा बच्चा 70 साल में 4 डिग्री अधिक गर्मी महसूस करेगा
– बुलबुल तूफान से ही प.बंगाल में 19 हजार करोड़ का नुकसान
– 2050 तक एशिया व अफ्रीका में एक-एक अरब जनता और जुड़ेगी। पेट भरना चुनौती रहेगी।
जलवायु के विभिन्न कारकों में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। विश्व को एक साथ बैठकर संकल्प के साथ इससे निपटना होगा।
-डॉ. ओपी यादव, निदेशक, काजरी, जोधपुर