मारवाड़ में एक पखवाड़े से अधिक समय से बरसात नहीं हुई थी। मानसून रुखस्त की ओर था, लेकिन कई सारे सिस्टम एक साथ आने से मानसून फिर से सक्रिय हो गया। मध्यप्रदेश के ऊपर ‘अपर एयर सर्कुलेशन’ पैदा हो गया जो बाड़मेर तक आ रहा है। इससे पूरे मारवाड़ में अत्यधिक नमी के साथ बादल लौट आए। राजस्थान के नीचे सौराष्ट्र के पास कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जो अगले दो दिन में और अधिक मजबूत होगा। पश्चिमी राजस्थान के ऊपर भी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इन सभी सिस्टम की वजह से मारवाड़ में झमाझम बरसात शुरू हो गई है। अब मानसून अक्टूबर तक खींच जाएगा। वैसे भी पश्चिमी राजस्थान में इस बाद मानसून का प्रवेश करीब 20 दिन की देरी से हुआ था।
गली-मौहल्ले तर, राहगीर भीगते रहे
सूर्यनगरी में में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुबह से ही हवा में अधिक नमी के कारण उमस भरा मौसम था। दोपहर 12 बजे से आसमान में बादलों की आवाजाही के साथ ठंडी हवा चलनी शुरू हो गई और शहर के कई इलाकों में रिमझिम से लेकर मध्यम बरसात शुरु हुई। झालामंड में तेज बरसात से सडक़ों पर बाळे बह निकले। दोपहर 2 से 3 बजे के मध्य रातानाडा, सरदारपुरा, शास्त्री नगर सहित कई इलाकों में 15 मिनट तक तेज बरसात हुई। इससे सडक़ों पर पानी भर गया। शाम तक लगातार बरसात का दौर चलता रहा, जिसके कारण दुपहिया वाहन चालक और राहगीरों को भीगते-भीगते अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचा पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार शाम तक 5.5 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड की गई। जोधपुर में अब तक मानसून की 521 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है जबकि सामान्य वार्षिक वर्षा का औसत 360 मिलीमीटर है। जिले के ग्रामीण हिस्सों में भी अभी से लेकर मध्यम बरसात हुई। जिले के बिलाड़ा, लूणी, शेरगढ़ और बालेसर सहित आसपास के ग्रामीण हिस्सों में मेघ बरसे।
जैसलमेर को छोड़ समूचा संभाग तरबतर संभाग में जैसलमेर जिले को छोडकऱ लगभग सभी स्थानों पर अच्छी बरसात हुई। पाली के देसूरी में 21, सोजत 10, रायपुर 44, जैतारण 37, रोहट 51, सुमेरपुर 101, जालौर में 11, आहोर 61, सायला 48, सिरोही 68, शिवगंज 94, बाड़मेर में 33, रामसर 21, गिड़ा 23, शिव 17, सिणधरी 23, सिवाणा 66, समदड़ी 47, पचपदरा 42 और बालोतरा में 51 मिलीमीटर बरसात मापी गई।