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जोधपुर

मानसून की बेरुखी ने लगाए बाजरा की बुवाई पर ब्रेक

-किसानों में चिंता: गत वर्ष जुलाई तक 70 प्रतिशत बुवाई, इस वर्ष 55 प्रतिशत ही

जोधपुरAug 03, 2021 / 10:55 pm

Amit Dave

मानसून की बेरुखी ने लगाए बाजरा की बुवाई पर ब्रेक

मानसून की बेरुखी ने लगाए बाजरा की बुवाई पर ब्रेक

जोधपुर।
मानसून की बेरुखी से अब खरीफ फ सलों की बुवाई प्रभावित होने लगी है। खरीफ सीजन की प्रमुख बाजरे की फसल पर नकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। बाजरा की बुवाई पर बारिश में देरी के कारण ब्रेक सा लग गया है। नतीजन इस बार बाजरे की बुवाई गत वर्ष के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत कम हुई है। जिले में गत वर्ष जुलाई माह तक किसानों ने लक्ष्य का लगभग 70 फीसदी बाजरा बो दिया था, लेकिन इस वर्ष जुलाई तक निर्धारित लक्ष्य की 55 प्रतिशत बुवाई ही हो सकी है। बारिश नहीं होने से पहले बोई गई अन्य फसलें भी जलकर नष्ट होने लगी हैं। जिले में बारिश टुकड़ों में हो रही है। कई जगह बादल बरस रहे हैं तो कई जगहों पर किसानों के लिए बारिश का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। इससे खरीफ की फसलों की बुवाई पर भी असर पड़ा है। जिले में चार लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक 1.75 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई। इसमें से भी 50 प्रतिशत फसल जल गई है। वहीं मूंग के 3.02 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.10 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई और 25 प्रतिशत फसल जल गई है। किसानों को समय पर बारिश नहीं होने से करोड़ों के नुकसान का अंदेशा है।
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बुवाई के तुलनात्मक आंकड़े
फसल—- जुलाई 2020—- जुलाई 2021—लक्ष्य
बाजरा– 3,15,000– 2,25,000— 400000
मूंग– 2,25,000– 1,10,000— 302000
ग्वार– 75,000—41,000— 135000
तिल– 19,500— 16,000— 28000
अरण्डी– 4,000— 185— 23000
अन्य– 5,500– 4000— 16000
(बुवाई के आंकड़े हेक्टेयर में)
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किसानों को कम दिनों में पकने वाली फसलों की बुवाई करनी चाहिए। जो बुवाई कर रखी है, वहां उपलब्ध सिंचाई साधनों का उपयोग कर फसलों को पानी देना चाहिए।
डॉ. जेआर भाखर, उप निदेशक
कृषि विस्तार जोधपुर

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