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मानसून की बेरुखी से बिगड़ी ग्वार की गणित, 35 लाख बोरी का अनुमान

locationजोधपुरPublished: Oct 30, 2021 12:08:00 pm

Submitted by:

Amit Dave

– पैदावार कमजोर, ग्वार कटाई शुरू- देश से 90 लाख से 1 करोड़ बोरी निर्यात होता है

मानसून की बेरुखी से बिगड़ी ग्वार की गणित, 35 लाख बोरी का अनुमान

मानसून की बेरुखी से बिगड़ी ग्वार की गणित, 35 लाख बोरी का अनुमान

जोधपुर।
मारवाड़ सहित राजस्थान से मानसून विदा ले चुका है। राजस्थान की प्रमुख फसल ग्वार की पैदावार तुलनात्मक रूप से कमजोर हुई है व इस बार करीब 35 लाख बोरी पैदावार का अनुमान है। हालांकि मानसून के अंतिम दिनों में हुई बारिश से ग्वार की फसल को संजीवनी मिली थी, अन्यथा उत्पादन 20-25 लाख बोरी पैदावार का ही अनुमान था।विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून की बेरुखी से इस वर्ष ग्वार की गणित बिगड़ गई है और उत्पादन गत वर्ष की तुलना में 40-45 प्रतिशत कम रहेगा। गत वर्ष 50-60 लाख बोरी उत्पादन हुआ था।

निर्यात भी कमजोर रहने का अनुमान
ग्वार राजस्थान की प्रमुख फसल है। देश का करीब 80 प्रतिशत उत्पादन राजस्थान में होता है। शेष 20 गुजराव व हरियाणा में होता है। निर्यात की दृष्टि से करीब 90 लाख से 1 करोड़ बोरी ग्वार निर्यात होता है। इस बार उत्पादन कम होने के अनुमान से व्यापारी पुराने स्टॉक से ही काम चलाएंगे।

बिंजाई भी कम हुई
इस बार ग्वार की बिंजाई भी कम हुई। किसानों ने मूंग-मूंगफली व कपास की बिंजाई में रुचि दिखाई। हरियाणा-पंजाब, गंगानगर व आसपास के क्षेत्रों में नहरी क्षेत्र होने के बावजूद ग्वार की बिंजाई पिछले वर्ष की तुलना में आधी हुई। वहीं प्रदेश में पश्चिमी राजस्थान में ग्वार उत्पादक प्रमुख बाडमेर, जैसलमेर व बीकानेर में भी मूंग, मूंगफली व कपास की बुवाई ज्यादा हुई। बीकानेर में गत वर्ष की तुलना में 30-35 व चुरू में 20-25 प्रतिशत ही बिंजाई हुई।

जोधपुर संभाग ग्वार बुवाई लक्ष्य व बुवाई (हैक्टेयर में)
जिला– बुवाई लक्ष्य– बुवाई
जैसलमेर– 470000– 355000
बाड़मेर– 270000– 160000
जोधपुर– 135000– 136000
जालोर– 45000– 25000
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कटाई के समय बारिश होने से ग्वार की क्वालिटी में नुकसान हुआ है, इससे गम के उत्पादन में फर्क पड़ेगा। वहीं फसल का उत्पादन 30-32 लाख बोरी के आसपास रहेगा।
पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष
जोधपुर जीरा मण्डी व्यापार संघ

पिछले दिनों हुई बारिश से ग्वार फसल को कुछ फायदा हुआ है, लेकिन तुलनात्मक उत्पादन कम रहेगा। पैदावार 30-35 लाख बोरी होने का अनुमान है।
श्रवण सारस्वत, ब्रोकर

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