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धूम्रपान और गुटखे का सेवन बन रहा जानलेवा, 20 से 25 साल के युवाओं को हो रहा गले का कैंसर

locationजोधपुरPublished: Jul 29, 2019 04:31:02 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार हर साल करीब 9 करोड़़ लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।शुरुआती स्टेज में पता लग जाए तो सरवाईवल के अवसर बढ़ जाते हैं। मस्तिष्क और गले का कैंसर तंबाकू और अल्कोहल का अधिक सेवन करने से होता है।

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धूम्रपान और गुटखे का सेवन बन रहा जानलेवा, 20 से 25 साल के युवाओं को हो रहा गले का कैंसर

जोधपुर. तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन शरीर के लिए विनाशकारी है। धूम्रपान करना, गुटखा खाना, ये सब आगे जाकर जानलेवा कैंसर का कारण बनते हैं। इनका त्याग करना जरूरी है। ये विचार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के नाक, कान व गला विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. डार्विन कौशल ने इस बीमारी से पीडि़त व अन्य समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को जानकारी दी। डॉ. डार्विन ने कहा कि इन दिनों दुनिया भर में गला व मस्तिष्क कैंसर तेजी से फैल रहा है। हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार हर साल करीब 9 करोड़़ लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
शुरुआती स्टेज में पता लग जाए तो सरवाईवल के अवसर बढ़ जाते हैं। मस्तिष्क और गले का कैंसर तंबाकू और अल्कोहल का अधिक सेवन करने से होता है। गले का कैंसर 20 से 25 साल के युवाओं को हो रहा है। गले और मुंह में लगातार छाले रहना इस कैंसर के प्रमुख लक्षण होते हैं। सिर और गर्दन पर होने वाला कैंसर इस क्षेत्र में होने वाली गांठ से फैलता है। तंबाकू के कैंसरकारी प्रभाव के लिए कुछ हद तक अनुवांशिकता भी उत्तरदायी होती है। तंबाकू के साथ अगर एल्‍कोहल का सेवन किया जाए तो खतरा और बढ़ जाता है।
वहीं वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिमस के पैट्रेन व ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस के कैंसर सर्जन डॉ. अमित गोयल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टॉबेको सर्वे 2017 के अनुसार भारत में बीडी-सिगरेट की लत की तुलना में चबाने वाले तंबाकू की लत के अधिक लोग शिकार हैं। इस सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि 21.4 प्रतिशत 15 वर्ष से अधिक धूम्रपान रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं, जबकि 10.7 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं। जिसका मुख्य कारण 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर है।
दुनिया भर में हैड नेक कैंसर के 5 लाख 50 हजार नए मामले सामने आए हैं। जिनमें से दो लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं भारत में करीब डेढ़ लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने 48.8 प्रतिशत लोगों को धूम्रपान छोडऩे की सलाह दी है। इसकी तुलना में केवल 31.7 प्रतिशत लोगों को तंबाकू सेवन न करने की सलाह दी गई है।

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