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सांसद पीपी चौधरी पर आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने का आरोप, आक्रोशित कर्मचारियों ने सौंपा ज्ञापन

Jodhpur News: कर्मचारियों ने मांग की है कि सांसद दिशा की बैठक में प्रयुक्त किए गए शब्दों को वापस लें और भविष्य में इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग की पुनरावृत्ति न करें।

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जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में लोकसभा सांसद पीपी चौधरी द्वारा कथित रूप से पंचायतीराज अधिकारियों और कर्मचारियों के हतोत्साहित करने के विरोध में पंचायतीराज के अधिकारी-कर्मचारियों ने इसका विरोध किया।

उन्होंने इस संबंध में जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा। दरअसल दिशा की बैठक में सीएसआर मद से लगी सोलर लाइट को वितरित करने का विवरण रजिस्टर में सही से दर्ज नहीं किया था। इस पर सांसद पीपी चौधरी आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया।

कर्मचारियों ने की ऐसी मांग

जोधपुर और फलोदी जिले के पंचायतीराज के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी इससे गंभीर रूप से आहत, निराश और आक्रोशित हैं। कर्मचारियों ने मांग की है कि सांसद दिशा की बैठक में प्रयुक्त किए गए शब्दों को वापस लें और भविष्य में इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग की पुनरावृत्ति न करें।

10 हजार में से रेकॉर्ड में सिर्फ 50

सांसद पीपी चौधरी ने बताया कि सीएसआर फंड से करीब 150 करोड़ की लागत से 50 हजार लाइट लगवाई गई थी। जोधपुर में जिला परिषद के अधिकारियों ने इन लाइटों को रेकॉर्ड में लेने के लिए लिखा गया था। मेरे ऑफिस से भी पिछले चार साल में कई बार इसके लिए लिखा गया था।

सिर्फ 50 लाइटें ही रेकॉर्ड में दर्ज की गई हैं। इनमें से कई जगहों से लाइटें या बैटरियां चोरी हो चुकी हैं। पुलिस को रिपोर्ट देते हैं, लेकिन उन लाइटों का सरकारी रिकॉर्ड में कोई उल्लेख ही नहीं है। ऐसे कार्मिकों का आभार तो नहीं जता सकता।

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