सुंदरता की इस प्रतियोगिता में विश्व स्तर पर भारतीय नारी की सुंदरता के आंकलन के बारे में बात करते हुए सोनल ने बताया कि इंडियन ब्युटि की विश्व स्तर पर अलग ही पहचान है। भारतीय नारी की जो स्कीन है वह अलग ही नजर आति है। उन्होंने कहा कि भारतीय नारी जब सुंदरता के अलावा अपनी तहजीब, संस्कृति व आत्म विश्वास के साथ किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेती है तो विश्वस्तर पर उसकी जीत तय है। उनका कहना है कि तन की सुंदरता के साथ मन की सुंदरता भी जरुरी है। मन की सुंदरता स्टेज पर नजर आति है। मुस्कुराहट व जिस तरह से जवाब दिया जाता है वह सभी मन की सुंदरता पर निर्भर करता है। ऐसी प्रतियोगिताओं में फिजिकल फिटनेस, लुक्स के साथ स्टेज प्रजेन्स व सामाजिक कार्य को भी देखा जाता है। अच्छा खाना, अच्छा सोना और फिजीकली फिटनेस पर ध्यान देना बहुत जरुरी है।
उनका इस फिल्ड की ओर झुकाव का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही वह सुंदरता व फिटनेस के प्रति अवेयर थी और उनके मन में यह इच्छा हमेशा से थी कि ऐसा कोई कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले और उन्होंन अपना सपना पूरा भी किया। उनका कहना है कि महिलाओं को जिम्मदारियों के अलावा अपने सपनों को भी जीना चाहिए। उन्होंने पिछले वर्ष मिसेज इंडिया अर्थ का खिताब जीतने के बाद तय कर लिया था कि इंटरनेश्नल खिताब को हासिल करेगी।
इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने समय निकालने को सबसे बड़ी चुनौति बताया उन्होंने कहा कि पेशेंट देखना, घर संभालना और बच्चों के लिए समय देना इन सब के बीच अपना सपना जीना बहुत मुश्किल है। लेकिन उन्होंने इसको भी प्राथमिकता देते हुए नींद के घंटे कम किए और तैयारी की । सुंदरता व फिटनेस के प्रति अवेयरनेस का प्रभाव पेशे पर पडऩे की बात पर उन्होंने कहा कि वह प्रसुताओं को प्रेग्नेंसी के बाद योगा की सलाह देती है साथ ही इसके लिए अपने अस्पताल में अलग से कक्षाएं भी चलाती है। कामयाबी का श्रेय वह अपने पति डॉ अजय परिहार व अपनी मॉं व बच्चों को देती है। उनके अनुसार कोई भी कार्य परिवार के सपोर्ट के बिना नहीं होता।