जोधपुर

WATCH : प्लास्टिक बैन के साथ बढ़ रही मिट्टी के बर्तनों की डिमांड, सनसिटीजन्स को लुभा रहे हैं विभिन्न मड आइट्म्स

दुनियाभर में प्लास्टिक प्रमुख समस्या बन चुका है। इससे निजात पाने के लिए देशभर में प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की ओर से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसके उपयोग को कम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

जोधपुरOct 06, 2019 / 12:54 pm

Harshwardhan bhati

WATCH : प्लास्टिक बैन के साथ बढ़ रही मिट्टी के बर्तनों की डिमांड, सनसिटीजन्स को लुभा रहे हैं विभिन्न मड आइट्म्स

फोटो व वीडियो : जेके भाटी/जोधपुर. दुनियाभर में प्लास्टिक प्रमुख समस्या बन चुका है। इससे निजात पाने के लिए देशभर में प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की ओर से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसके उपयोग को कम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्लास्टिक बैन होने के बाद मिट्टी के बर्तनों की बिक्री में उछाल देखने को मिलने लगा है। सनसिटी में इन दिनों मिट्टी के विभिन्न प्रकार के आइट्म्स की खरीद जोरों पर दिखने लगी है। साथ ही फेस्टिव सीजन में लोगों में कुछ नया प्रयोग करने के लिए मिट्टी से बने आइट्म्स लुभाने लगे हैं।
पारंपरिक बर्तनों की श्रेणी से इतर अब मार्केट में सभी प्रकार के बर्तन देखे जा सकते हैं। खासकर प्लास्टिक की बोतलों की जगह अब मिट्टी की बोतलें लेने लगी हैं। शहर में करीब 7 तरह की बोतलें बिक रही हैं। इनके साथ ही मिट्टी का तवा डिमांड में है। इसे आधुनिक चूल्हे पर भी उपयोग में लाया जा सकता है। यह तवे मेटल हैंडल के साथ मार्केट में उपलब्ध हैं। इन बर्तनों में विभिन्न प्रकार की हांडियां, घरेलू उपयोग के लिए कप-प्लेट के सेट, थाली, कटोरी और डायनिंग सेट तक कस्टमर्स को लुभा रहे हैं।
mud utensils are in demand after plastic ban in india
कूल्हड़ों की बढ़ी डिमांड
शादियों का सीजन आने के साथ ही केटरिंग सेट की डिमांड देखी जा रही है। इसमें मिट्टी के चूल्हे के साथ डोंगा विशेष आकर्षण का केंद्र है। मिट्टी की क्रॉकरी भी पसंद की जा रही है। वाजिब कीमतों में मिट्टी के यह बर्तन गिफ्ट आइटम के तौर पर भी दिए जा रहे हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक कप बंद होने के चलते अब मिट्टी के कूल्हड़ों की वैराइटीज चाय की थडिय़ों सहित रेस्त्रां आदि में मांग बढ़ गई है। इनमें से कई कूल्हड़ सिंगल यूज हैं तो कइयों को बहुत बार उपयोग में लाया जा सकता है। मिट्टी के यह बर्तन शहर सहित गुजरात, दिल्ली, हरियाणा व कलकत्ता आदि से मंगवाए जा रहे हैं।
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स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
जानकारों का कहना है कि प्लास्टिक का उपयोग करना जहां हानिकारक है। वहीं मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने के लिए धीमी आंच पर खाना पकाना अधिक लाभदायक रहता है। इससे विभिन्न शारीरिक विकारों को दूर भी किया जा सकता है। बचे हुए खाने को मिट्टी के पात्रों में रखने से वह जल्दी खराब नहीं होते। मिट्टी के बर्तनों को धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। साबुन में कास्टिक होने के कारण वह दुर्गंध उत्पन्न कर देता है। इसके स्थान पर साफ पानी से बर्तन धोने के बाद उसे सूती कपड़े से पौंछ कर रखने से बर्तन साफ रहता है।
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इनका कहना है
बीते कुछ समय से मिट्टी के बर्तनों की डिमांड खासी बढ़ गई है। इस कारण शहर के कुम्हारों सहित बाहर से भी विशेष डिजाइन के बर्तन मंगवाए जा रहे हैं। आधुनिक लाइफ स्टाइल में मिट्टी के बर्तन वापस चलन में आना एक अच्छा संकेत है।
– मनीष प्रजापत, व्यवसायी
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