बालेसर थानाप्रभारी देवेन्द्र सिंह ने बताया कि हत्या के आरोपी जेठूदास उर्फ नीरज कुमार ने आपसी कहासुनी के बाद बजरंग की हत्या करने की रणनीति बनाने की बात स्वीकार की है। हत्या से पहले दिन आरोपी के परिजनों के साथ मृतक की बोलचाल हुई, जो बात जेठूदास को अखर गई तथा उसने बजरंग दास को जान से मारने की ठान ली। मौका देखकर वह राजीनामे के बहाने बुधवार देर रात्रि को बजरंग दास के साथ बाइक पर सवार हो गया। रास्ते में अंधेरा देखकर बजरंग दास को मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस के आश्वासन पर माने थे परिजन बजरंग दास की हत्या के बाद बुधवार रात्रि को परिजन अपनी मांगों को लेकर वारदात स्थल से शव न उठाने को अड़ गए थे। इसके बाद थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने समझाइश कर शव को सीएचसी में रखवाया। वहीं गुरुवार को परिजनों ने वारदात में अन्य लोगों के शामिल होने की बात को लेकर शव के पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया था। पुलिस ने सही जांच व हत्याकांड में शामिल किसी भी आरोपी को न छोडऩे का आश्वासन देकर परिजनों को मनाया था।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह, प्रेम सिंह, पन्नाराम, डुंगरराम, गोपीकिशन सिंह, सुभागाराम, नारायण सिंह, सुभाष विश्नोई, सुखाराम, सुमेर सिंह, प्रेम सिंह, राजेन्द्रसिंह, ओमाराम, मंगलाराम को शांति व्यवस्था बनाए रखने में अहम सहयोग व जल्द मामले की जड़ तक पहुंचने में भागीदारी निभाने पर पुरस्कृत करने की घोषणा की है।