पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि मूलत: खेड़ी गांव हाल सांगरिया फांटा के पास कृष्णा नगर निवासी सुभाष (18) पुत्र पप्पाराम बिश्नोई की गत 8 अक्टूबर को गोलियां मारकर हत्या की गई थी। शूटर सहित दोनों आरोपी भाग गए थे। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी पहलुओं के आधार पर तलाश शुरू की गई।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) निशांत भारद्वाज, एसीपी (पश्चिम) छवि शर्मा के निर्देशन में थानाधिकारी मोहम्मद शफीक खान के नेतृत्व में पुलिस ने तलाश के बाद मूलत: खेड़ी गांव हाल महादेव नगर निवासी जितेन्द्र (31) पुत्र पप्पाराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया। उधर, पंजाब में मोहाली जिले के डेरा बस्सी में पुलिस ने शुक्रवार को पाली में ट्रांसपोर्ट नगर थानान्तर्गतइन्द्रा कॉलोनी निवासी मोहम्मद आसिफ (28) पुत्र इब्राहिम खां व भानू सिसोदिया (24) पुत्र माणक दमामी और बालोतरा जिले में पटाऊकलला के माधाणियों की ढाणी निवासी अनिल गोदारा (18) पुत्र शैतानसिंह बिश्नोई को अवैध हथियार सहित पकड़ा। आर्म्स एक्ट में तीनों को गिरफ्तार किया गया। अब बासनी थाना पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर तीनों को गिरफ्तार करके जोधपुर लाएगी।
70 हजार में पिस्तौल खरीदी
जितेन्द्र से पूछताछ में हत्या की पूरी साजिश का खुलासा हुआ। सुभाष बिश्नोई के जमानत पर बाहर आते ही जितेन्द्र हत्या का बदला लेने में जुट गया था। उसे पिस्तौल व शूटर की जरूरत थी। आरोपी भानू व अनिल गोदारा मृतक अनिल लेगा के दोस्त हैं और अनिल की हत्या के बाद उसके घर जाते थे। भानू व अनिल लेगा जेल में साथ भी रहे थे। जितेन्द्र ने बदला लेने के लिए जब भानू व अनिल से बात की तो वे हत्या करने को राजी हो गए थे, लेकिन जितेन्द्र को भरोसा नहीं था। फिर जितेन्द्र ने एक माह पहले भानू से 70 हजार रुपए में पिस्तौल खरीदी। हत्या से सात दिन पहले भानू के साथ मोहम्मद आसिफ व अनिल गोदारा मुख्य आरोपी जितेन्द्र के घर गए थे। तीनों ने सुभाष की हत्या की साजिश रची थी। दस लाख रुपए में हत्या का सौदा तय हुआ था।
एमडी ड्रग्स खरीदने की आड़ में की थी हत्या
आरोपी जितेन्द्र ने स्वीकार किया कि सुभाष एमडी ड्रग्स बेचता था। अनिल ने ड्रग्स खरीदने के बहाने उससे इंस्टाग्राम पर दोस्ती की थी। फिर 8 अक्टूबर को एमडी ड्रग्स खरीदने के बहाने सुभाष से मिलने गए थे, जहां मोहम्मद आसिफ ने छह गोली मारकर सुभाष की हत्या की थी।
पहले दादा, अब भाई की हत्या का बदला लिया
वर्ष 1970 : खेड़ी गांव निवासी चतुराराम लेगा की मारपीट कर हत्या की गई थी। थानाराम व अन्य को गिरफ्तार किया गया था। जमानत होने पर आरोपियों ने समाज के सामने माफी मांगी थी तो मामला शांत हो गया था, लेकिन गांव व समाज वाले चतुराराम के घरवालों को हत्या का उलाहना देते थे। – 15 अगस्त 2018 : चतुराराम के पोते अनिल लेगा व जितेन्द्र ने खेड़ी गांव में पोते को स्कूल से घर ले जा रहे थानाराम बिश्नोई की गोली मारकर हत्या की थी। तीन साल तक जेल में रहने के बाद अनिल व भाई जितेन्द्र की जमानत हुई थी।
– 18 जनवरी 2024 : थानाराम की हत्या का बदला लेने के लिए खेड़ी गांव में शादी समारोह से लौट रहे अनिल लेगा को गोली मार दी गई थी। हत्या के आरोप में विष्णु व उसके नाबालिग भाई सुभाष को पकड़ा गया था। 4 माह पहले सुभाष जमानत पर छूटा था।
– 8 अक्टूबर 2024: अनिल लेगा की हत्या का बदला लेने के लिए भाई जितेंद्र ने शूटर मोहम्मद आसिफ और अनिल गोदारा व भानु सिसोदिया से सुभाष की हत्या करवा दी थी।