पुलिस का कहना है कि आरोपी ने रुपए के लालच में उसने अपहरण व हत्या की साजिश रची थी। इसलिए वह कुछ दिनों से अनिल सोनी की दुकान जाने लगा था।
सम्पर्क बढ़ने पर गत 21 अप्रेल को आरोपी राजू ने ज्वैलर अनिल सोनी को उसी की कार में अपहरण कर लिया था। राजू ही कार चला रहा था। चूंकि वह काफी देर तक उसे लेकर घूम नहीं सकता था। इसलिए पहले उसने अनिल को नशे की गोलियां खिलाईं। पाली जिले के आस-पास बेहोशी छाने पर कैंची से वार किए। उसे मरा समझ रणकपुर घाटे के जंगल में उसे फेंक दिया था। फिर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाई थी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कैंची से हत्या की गई अथवा जिंदा जलने से दम टूटा।
उधर, शुक्रवार सुबह मृतक का शव मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी लाया गया। परिजन और स्वर्णकार समाज के लोग मोर्चरी के बाहर एकत्रित होने लगे। वे दोषी पुलिसकर्मी को निलम्बित करने, आरोपी को फांसी की सजा दिलाने, निष्पक्ष जांच, आरोपी को मृतक के परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग की। वे धरना देकर बैठ गए। एडीसीपी हरफूलसिंह व अन्य अधिकारियों ने समझाइश की। आरोपी को पकड़ लेने के सथ ही उच्च अधिकारी के निर्देश्न में निष्पक्ष जांच के आश्वासन पर गतिरोध टूटा। तब मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जा सका।
आरोपी राजू व उसका परिवार बीस-पच्चीस साल पहले पाकिस्तान से भारत आए थे और जोधपुर में बस गए थे। राजू व पूरे परिवार को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है।आरोपी राजू माली कुछ समय पहले तक निजी क्लिनिक चलाता था, लेकिन फिर बंद कर दिया था।