MUSTARD—-जीरे से 60 हजार ज्यादा हेक्टेयर में सरसों की बुवाई
जोधपुर। जिले में रबी सीजन के दौरान बम्पर बुवाई हुई है। इस बार किसानों ने जीरे से ज्यादा तिलहन फसल सरसों में रुचि दिखाई है। नतीतजन इस बार जीरे की बजाए करीब 60 हजार हेक्टेयर ज्यादा क्षेत्र में सरसों की बुवाई हुई है। सरसों में 2.05 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई, जबकि जीरे में 1.42 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई। वहीं अनुकूल मौसम व मावठ से सर्दी व नमी बढऩे से भी सरसों सहित रबी सीजन में बम्पर फ सल उत्पादन की उम्मीद है। वहीं गत दो सीजन में जीरे के भावों में कमजोरी के चलते इस बार जीरे का रकबा घटा है। — इन क्षेत्रों में सरसों की अच्छी बुवाई जिले में सिंचित क्षेत्रों में सरसों की अच्छी बुवाई हुई है। जिले में फलोदी, लोहावट, ओसियां, देचू, तिंवरी, बिलाडा आदि में कुल सरसों बुवाई का 80 प्रतिशत बुवाई हुई है। —- जीरे में नुकसान की आशंका जहां मावठ बरसने से फसलों को फायदा होगा। वहीं बारिश व बादल छाए रहने से जीरे की फसल को नुकसान की आशंका है। अगेती जीरा फसल में पानी नहीं चाहिए, लेकिन वर्तमान में बादल छाए रहने, ओस गिरने से जीरा फसल में जुलसा व छाछिया रोग पनपने की आंशका रहती है, जो इस फसल के लिए सर्वाधिक नुकसानदायस होता है। —- चना-तारामीरा के भी अच्छे उत्पादन की उम्मीद जिले में खरीफ सीजन के दौरान देर से हुई बरसात से जमीन की नमी के आधार पर 60 हजार हेक्टेयर में सेवज की बुवाई हुई है। जहां सेवज की बम्पर बुवाई हुई थी, वहीं मावठ बरसने से असिंचित क्षेत्र की सेवज की फ सलों में सिंचाई हो जाने से तारामीरा व चने का भी अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है। — जिले की प्रमुख फसलों का बुवाई रकबा हेक्टेयर में फ सल– बुवाई क्षेत्र सरसों– 2.05 लाख जीरा– 1.42 लाख गेंहू– 50 हजार चना– 50 हजार अरंडी– 30 हजार इसबगोल– 30 हजार तारामीरा– 25 हजार प्याज– 22 हजार लहसुन– 10 हजार मैथी– 06 हजार जौ– 05 हजार ———————————-
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