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नरेगा मजदूरी सूची में इस ग्राम पंचायत के कई मृत लोगों के नाम

locationजोधपुरPublished: Aug 03, 2021 07:57:07 pm

– ग्रामसेवक, सरपँच व मेट सहित कई कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप

 नरेगा मजदूरी सूची में इस ग्राम पंचायत के कई मृत लोगों के नाम

नरेगा मजदूरी सूची में इस ग्राम पंचायत के कई मृत लोगों के नाम

दिलावरसिंह राठौड़/बेलवा/जोधपुर. जिले के बालेसर पंचायत समिति का देवगढ़ गांव जहां के लोग मरने के वर्षों बाद भी नरेगा में मजदूरी करने आते है। सुनने में अजीबोगरीब लग रहा है लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में कार्यरत कर्मचारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कथित मिलीभगत से असल मे ऐसा हुआ है। देवगढ़ गांव की नरेगा सूची में कई ऐसे नाम है जिनकी वर्षों पूर्व मौत हो गई। लेकिन सरकारी नुमाइंदों ने मौत के बाद भी नरेगा कार्यस्थल मात्र ही नही बल्कि अपना खेत अपना काम मे बन रहे टांकों पर काम भी करवाया। आश्चर्य की बात तो यह हैं कि कई मृतक तो गांव में नरेगा कार्यस्थल पर 10 से 15 बार आये। इस प्रकरण में ग्रामीणों ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत में मृतक के नाम नरेगा में लिखकर फर्जी बैंक खातों से पैसों के भुगतान का आरोप लगाया है।
मौत के बाद भी नरेगा में मजदूरी
केस 1
देवगढ गांव निवासी राजूराम पुत्र तेजाराम की मौत वर्ष 2008 में हो गई थी। लेकिन मौत के 13 साल बाद भूतपूर्व राजूराम ने डिमांड संख्या 691356 से 11 जुलाई 2021 को पुनाराम तुलछाराम के खेत में टांका निर्माण, आगौर भूमि समतलीकरण एंव मेड़बन्दी पौधरोपण कार्य में मजदूरी की।
केस 2
देवगढ गांव की टुगी पत्नी राजूराम की मौत कुछ वर्ष पूर्व में हो गई थी, लेकिन टुगी ने डिमांड संख्या 691357 से 11 जुलाई 2021 को अपना खेत अपना काम योजना में टांका निर्माण के रूप में नरेगा से रोजगार प्राप्त किया।
केस 3
देवगढ गांव के धीरा राम जिनकी मौत वर्ष 2013 में हो गई थी, लेकिन मृत्यु के करीब8 साल बाद उन्हें नरेगा में रोजगार दे दिया। उन्हें डिमांड संख्या 769367 से जुलाई 2020 में देवसागर नाडी खुदाई में 13 दिन का रोजगार दे दिया। वहीं डिमांड संख्या 690188 से जुलाई 2021 में भी उन्हें भिवसिंह के टांका निर्माण कार्य पर रोजगार दे दिया।
केस 4
गांव के श्रवणनाथ पुत्र चोरनाथ को उनकी मौत के करीब 7-8 महीने बाद नरेगा में मजदूरी दिला दी। मृतक श्रवणनाथ को जुलाई 2021 में सांगसिंह के खेत मे टांका निर्माण में रोजगार दे दिया।
मौत के बाद कैसे मजदूरी
बालेसर पंचायत समिति के देवगढ में कई मृतक ग्रामीणों के नाम पर नरेगा में रोजगार की डिमांड जारी करना उनकी कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। मामले में नरेगा मेट से ग्रामसेवक पंचायत समिति के नरेगा शाखा कार्मिको की लापरवाही के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की भी उदासीनता है। ऐसे कई प्रकरणों में सरकारी कार्मिक फर्जीवाड़े से लोगों को मजदूरी दिलाने के नाम पर पैसे हड़प जाते हैं। लेकिन मरे हुए लोगों को रोजगार के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग गंभीर विषय है।
इनका कहना है
पंचायत समिति कार्यालय द्वारा बिना किसी जानकारी दिये इन लोगों के नरेगा में डिमांड कर दी। रोजगार की डिमांड बढाने को लेकर बालेसर समिति से मृतको के नाम मस्टररोल में चढ़ा दिए। मृतको के नाम की डिमांड पंचायत द्वारा नही की गई है।
सताराम, कनिष्ठ लिपिक, पंचायत समिति बालेसर
ग्राम पंचायत देवगढ के लोगों मौत के बाद नरेगा में नाम लिखने के बारे में जानकारी मिली है। मरे हुए लोगों के नरेगा में आवेदन कैसे हुए इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नही हैं। मामले की निष्पक्ष जाँच हो ताकि दोषियों के ख़िलाफ़ उचित कार्यवाही हो सकें।
सांगाराम, सरपंच, ग्राम पंचायत देवगढ
ग्रामसेवक ने भूलवश डिमांड की
देवगढ के एक मृतक की नरेगा में डिमांड की सूचना राजस्थान संपर्क से मिली थी। ग्रामसेवक ने भूल से नरेगा में मजदूरी की डिमांड कर दी थी। अब मृतक का हटाकर मस्टररोल वापिस जमा कर दिए हैं। जिसकी जांच रिपोर्ट राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी प्रेषित की है। गांव के अन्य मृतकों के नरेगा में रोजगार देने के संबंध में जानकारी नही है। मामले की जांच करके उचित कार्यवाही की जाएगी।
बाबूसिंह राजपुरोहित, विकास अधिकारी पंचायत समिति बालेसर।
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