कमेटी ने सवा साल बाद भी रिपोर्ट नहीं दी है। ऐसे में पिछले 20 साल से खुद का विश्वविद्यालय होने के बावजूद राजस्थानी छात्र ठगा सा महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि देश के 22 एनएलयू में से करीब 18 एनएलयू में संबंधित राज्य के छात्रों का आरक्षण है।
WATCH : जोधपुर जिले के इस परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाया अनूठा कदम, निमंत्रण पत्र बना चर्चा का विषय एनएलयू जोधपुर की स्थापना 1999 में राजस्थान विधानसभा एक्ट से हुई। उस समय राज्य सरकार ने विवि की 115 सीटों पर किसी तरह का आरक्षण नहीं दिया था लेकिन बाद में छात्र-छात्राओं की ओर से आवाज उठाने के बाद तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने 5 मार्च 2018 को विधानसभा में एनएलयू संशोधन विधेयक पेश कर 25 प्रतिशत राज्य आरक्षण पास कर दिया, तब तक क्लैट-2018 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी।
शहीद राठौड़ को इस कवि ने दी राजस्थानी भाषा में श्रद्धांजलि, 2016 में शहीद हुआ था शेरगढ़ का यह सपूत ऐसे में राज्य सरकार ने अगले साल इसे लागू करने के लिए एनएलयू जोधपुर की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (सिण्डीकेट) को भेजा लेकिन एनएलयू जोधपुर ने इसे काउंसिल में रखने की बजाय जानबूझकर जांच कमेटी बनाकर मामला को रफा-दफा कर दिया। वर्ष 2019 के बाद अब 2020 में भी एनएलयू जोधपुर में राजस्थानी छात्रों को आरक्षण नहीं मिलेगा। एनएलयू भोपाल, एनएलयू रायपुर और एनएलयू गांधीनगर जैसे लॉ स्कूलों में तो स्थापना के साथ ही संबंधित राज्यों के छात्रों को आरक्षण दे दिया गया था। एनएलयू उड़ीसा, एनएलयू बेंगलुरू, एनएलयू जोधपुर और एनएलयू दिल्ली को छोडकऱ तकरीबन सभी लॉ स्कूल्स में संबंधित राज्यों के छात्र-छात्राओं के लिए सीटें आरक्षित है।
WATCH : पर्यटकों की फेवरिट डेस्टिनेशन है जोधपुर का तूरजी का झालरा, बेशकीमती विरासत का है बेजोड़ नमूना हम बाद में ब्रोशर में जुड़वा देंगेजस्टिस मंजू गोयल कमेटी जनवरी में अपनी रिपोर्ट सौंप देंगी। हम बाद में एनएलयू कंसोर्टियम को ब्रोशर भेजकर उसमें आरक्षण जुड़वा देंगे।
सोहनलाल शर्मा, रजिस्ट्रार, एनएलयू जोधपुर राजस्थान एक्ट का विवि है, मैं मामला दिखवाता हूं
एनएलयू भी राजस्थान एक्ट का विवि है। इसमें भी स्टेट कोटा होना चाहिए। मैं मामले की जांच करवाता हूं।
– भंवर सिंह भाटी, उच्च शिक्षा मंत्री राजस्थान