शहरी सरकार शहर के पुराने तालाबों व जलस्रोतों को सुधारने के दावों के बीच एक जलस्रोत ऐसा भी है जो कि नाम से नया है, लेकिन लगता सदियों पुराना है। इसकी हालत भी तालाब से ज्यादा गंदे पानी के कुंड सी दिखती है। स्थानीय लोग इसकी दुर्गंध से इतने परेशान हैं कि घरों की खिड़कियां तक नहीं खोलते।
बारिश में आ गई दरारें इस तालाब में बारिश के दिनों में इतना पानी भर गया कि आस-पास के घरों में पानी पहुंच गया। यहां नगर निगम ने पम्प लगाकर पानी बाहर निकाला। इससे लोगों के घरों में दीवारें आ गई। ऐसे में अब भी लोग दहशत में भी जी रहे हैं।
मलबा डाल पाटने की तैयारी तालाब के छोर पर मलबा डाल कर पाटने की तैयारी भी की जा रही है। निर्माण कार्यों का मलबा डाला जा रहा है। इस कारण हालात यह हो गए हैं कि तालाब में जल संचय क्षमता कम हो गई है। थोड़ी सी बारिश में तालाब ओवरफ्लो हो जाता है। तालाब को पाटने के पीछे भूमाफियाओं का भी हाथ से इंकार नहीं किया जा सकता। मलबा डालने के साथ ही पक्का निर्माण करने की फिराक में है।
निगम ने की थी घोषणा हाल ही में अपने वार्षिक बजट में नगर निगम प्रशासन ने सभी पुराने तालाबों के संरक्षण की बात कही है। लेकिन खास बात यह है कि अधिकांश पुराने जलस्रोत दुर्दशा का शिकार हैं। न तो स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देता है और न ही स्थानीय लोग अपनी ओर से जागरूकता दिखा रहे हैं। जबकि जल संकट के दिनों में इन जलस्रोतों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है।